मुख्यमंत्री बघेल ने शिवराज से की अपील, जानें किस मुद्दे पर मांग रहे हैं एमपी CM की सहमति

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• 12:43 PM • 16 Aug 2023

CM Bhupesh wrote a letter to Shivraj Singh– छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के पेंशनरों को शीघ्र 42 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश…

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CM Bhupesh wrote a letter to Shivraj Singh– छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के पेंशनरों को शीघ्र 42 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) से अनुरोध किया है. सीएम बघेल ने उन्हें पत्र लिखकर इस मामले में शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मध्य प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश जारी करने की गुजारिश की है.  दरअसल, मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत पेंशन पर महंगाई राहत के भुगतान के लिए दोनों राज्यों की सहमति आवश्यक है.

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सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ के पेंशनधारियों को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है. इसके बाद उन्होंने इस पर शिवराज की सहमति मांगी है. पत्र में मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत महंगाई राहत के भुगतान के लिए मध्य प्रदेश की सहमति मांगी गई है. बघेल ने अपने पत्र में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दें ताकि सहमति मिलते ही छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की कार्रवाई की जा सके.

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को महंगाई राहत देने के संदर्भ में दो अगस्त को मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखा था.

एक जुलाई को किया था ये ऐलान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से 42 प्रतिशत महंगाई राहत देने का निर्णय लिया. इस फैसले के क्रियान्वयन के लिए पेंशन पर महंगाई राहत भुगतान के लिए दोनों राज्यों के बीच सहमति आवश्यक है. मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत उक्त सहमति प्राप्त होने के बाद ही पेंशन राहत पर आगे की कार्रवाई की जा सकेगी.

यहां फंसा पेंच

माना जा रहा है कि जैसे ही मध्यप्रदेश सहमत होगा, छत्तीसगढ़ सरकार भी बिना देरी किए पेंशनभोगी को राहत देने की कार्रवाई करेगी. दरअसल, पेंशनभोगी संगठन लगातार महंगाई भत्ते की दर को 42 फीसदी तक बढ़ाने की मांग कर रहे थे. लेकिन अब इसके ऐलान होने के बाद भी मध्यप्रदेश की मंजूरी लंबित होने के कारण इस प्रक्रिया में देरी हो रही है. अब मुख्यमंत्री के मध्य प्रदेश को लिखे पत्र के बाद प्रक्रिया में तेजी की उम्मीद की जा सकती.

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