कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर पर दोबारा क्यों जताया भरोसा? नाग को देंगे पटखनी!

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कांकेर से कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी भोजराज नाग से होने जा रहा है. बीरेश 2019 में भी कांकेर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वो हार गए थे.

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Kanker Loksabha seat: कांकेर लोकसभा सीट पर इस बार जबरदस्त मुकाबला होने जा रहा है. 26 अप्रैल को दूसरे चरण में यहां पर वोट डाले जाएंगे. कांग्रेस ने बिरेश ठाकुर को टिकट दिया है.जिनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी भोजराज नाग से है. कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार कांकेर लोकसभा सीट से बीरेश ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है.2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिरेश ठाकुर को करारी हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त वे 6 हजार 954 वोट से भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे. हम अपनी रिपोर्ट में बिरेश ठाकुर के बारे में बात करेंगे कि आखिर कांग्रेस ने उन पर दोबारा क्यों भरोसा जताया है.


भाजपा ने 2 मार्च को कांकेर लोकसभा सीट के लिए अपने प्रत्याशी भोजराज नाग के नाम का ऐलान कर दिया था. वहीं कांग्रेस में नामों को लेकर मंथन चल रहा था. पीसीसी चीफ दीपक बैज मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन आखिरी क्षण में पार्टी ने बीरेश ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया.

विरासत में मिली राजनीति


 राजनीतिक घराने से आने वाले बीरेश ठाकुर का जन्म 1968 में कोरर में हुआ था. उन्हें राजनीति विरासत में मिली. उनके दिवंगत पिता  सत्यनारायण सिंह ठाकुर साल 1972 से 1977 तक अविभाजित मध्यप्रदेश के भानुप्रतापपुर से विधायक रहे....बीरेश ठाकुर 1989 नवासी से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य हैं. वे 1995 में भानुप्रतापपुर क्षेत्र से जनपद सदस्य निर्वाचित हुए. साल 2000 में भी एक बार फिर से जनपद सदस्य बने. इसी तरह 2010 में भी जनपद सदस्य निर्वाचित हुए और जनपद अध्यक्ष बने. बीरेश साल 2015 के चुनाव में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुए और जिला पंचायत के सभापति बनाए गए.

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इस वजह से दोबारा मिला टिकट

 


इसके बाद 2019 में उनकी जिम्मेदारियों में इजाफा करते हुए पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीरेश ठाकुर को कांकेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि इस चुनाव में बीरेश को बीजेपी प्रत्याशी मोहन मंडावी से 6 हजार वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.कांग्रेस ने एक बार फिर से बीरेश ठाकुर पर भरोसा जताते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांकेर से प्रत्याशी बनाया है. बताया जाता है कि बीरेश ठाकुर की संगठन में अच्छी पकड़ है. मतदाताओं के बीच बीरेश ठाकुर की सकारात्मक छवि है, यही वजह है कि कांग्रेस ने उन्हें इस सीट से दोबार मौका दिया है.

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कांकेर लोकसभा का समझें समीकरण


अगर कांकेर लोकसभा सीट की बात करें तो इसके अदंर 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें 5 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, तो वहीं 3 सीटें भाजपा के खाते में है. 2019 लोकसभा चुनाव में को पूरी 8 सीटें कांग्रेस के कब्जे में थीं, इसके बावजूद बिरेश ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी भाजपा के भोजराज नाग से कांग्रेस के बीरेश ठाकुर का कड़ा मुकाबला होगा.कांकेर सीट एसटी कैटेगरी के लिए आरक्षित है. यही वजह है कि दोनों दलों यहां से इन दो आदिवासी दिग्गजों को प्रत्याशी बनाया है. इन दोनों नेताओं की आदिवासी समाज पर अच्छी पकड़ मानी जाती है. अब देखने वाली बात होगी कि इस कांटे की टक्कर में कौन बाजी मारता है.

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