बलौदा बाजार: जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं ये 40 परिवार, देखकर उड़ जाएंगे होश
तस्वीर: सुनील साहू
बलौदा बाजार के छेरकाडीह में बारिश ने शासन-प्रशासन के दावों की कलई खोल दी है. यहां लोगों को खुद के गांव में आने-जाने के लिए जान जोखिम में डालना पड़ रहा है.
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गांव के भाटापारा मोहल्ले में 40 परिवार के 300 लोग करीब 40 सालों से यहां रह रहे हैं.
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यहां के लोगों को बारिश में अपने ही गांव में आने-जाने के लिए नाले को अस्थाई लकड़ी के पुल के जरिए पार करना पड़ता है.
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इस गांव में कुल 15 वार्ड हैं, जिसमें एक और दो वार्ड के लोग नाले के ऊपर बसे हैं. इन दोनो वार्ड में न तो आंगनबाड़ी केंद्र है और ना ही स्कूल या राशन दुकान है.
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दोनों वार्ड के बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र, स्कूल और कॉलेज के लिए जारा, पलारी जाते हैं. ऐसे में इन्हें रोज नाले से गुजरना पड़ता है.
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खेती बाड़ी, राशन दुकान, बच्चों का स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल सब कुछ पुल के उस पार ही है. यहां तक कि मुक्तिधाम के लिए भी रास्ता नहीं है.
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ग्रामीण बच्चों को पार कराने के लिए 4 फीट चौड़ा और 20 फीट लम्बा अस्थाई लकड़ी का पुल बना चुके हैं. लेकिन जब नाला उफान पर रहता है तो वह पुल बह जाता है.
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पुल बहने के बाद बच्चों को उनके परिजन कंधे पर बैठाकर नाला पार कराते हैं.
ग्रामीणों की मांग है कि यहां जल्द से जल्द पुल का निर्माण हो. पूरे मामले में कलेक्टर द्वारा संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं.