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तस्वीर : छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट से

छत्तीसगढ़ के इतिहास को समझने के लिए इन पांच जगहों की करें सैर, हो जाएंगे हैरान 

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तस्वीर : छत्तीसगढ़ सरकार की वेबसाइट से

वन्य प्रदेश छत्तीसगढ़ अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध तो है ही, साथ ही यहां ऐतिहासिक स्थलों की भी भरमार है. इन जगहों की सैर के बाद आप छत्तीसगढ़ को और करीब से समझ पाएंगे.

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मदकू द्वीप- बिलासपुर जिले से 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा मदकू द्वीप राष्ट्रीय आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ की रचना के लिए प्रसिद्ध है. शिवनाथ नदी के तट पर बसे इस द्वीप के हरिहर क्षेत्र पर प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष रखे हुए हैं जो लोगों के आकर्षण का कारण है.

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सिरपुर- छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का एक छोटा सा गांव सिरपुर का प्राचीन नाम श्रीपुर था. जनश्रुति है कि भद्रावती के सोमवंशी पाण्डव नरेशों ने भद्रावती को छोड़कर सिरपुर बसाया था. गुप्तकालीन कला को दर्शाता विशाल लक्ष्मण मन्दिर इस स्थान की खासियत है.

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रतनपुर-  बिलासपुर ज़िले से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुल्हरा नदी के किनारे स्थित एक कस्बा है. यह जगह विभिन्न राजवंशों के शासकों द्वारा लाये गए बहुत से ऐतिहासिक बदलावों का साक्षी रहा है. महामाया जैसे प्रसिद्ध मंदिरों की संख्या के कारण इसे छोटी काशी भी कहा जाता है.

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भोरमदेव- कबीरधाम जिले के चौरागांव में स्थित भोरमदेव मंदिर लगभग 1000 बर्ष पुराना माना जाता है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जिसकी सरंचना खजुराहो से मिलती जुलती है, इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है.

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तालागांव- बिलासपुर से लगभग 29 किलोमीटर दूर तालागांव मनियारी नदी के तट पर स्थित है. चौथी शताब्दी के देवरानी मंदिर के द्वार पर खुदाई के दौरान शिव के रौद्र रूप की एक प्रतिमा यहां मिली थी, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु यहां पहुंचतें हैं.

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