कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी से मचा सियासी बवाल, बघेल ने दी चेतावनी

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कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 10 जून को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यादव ने भाजपा सरकार पर आगजनी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाने का आरोप लगाया है.

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CG NEWS-  कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 10 जून को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यादव ने भाजपा सरकार पर आगजनी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाने का आरोप लगाया है.

पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि विधायक को दुर्ग जिले में उनके आवास से गिरफ्तार किया गया और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के मुख्यालय बलौदाबाजार लाया गया, जहां उन्हें शनिवार को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस की कार्रवाई की खबर फैलने के बाद दुर्ग के भिलाई नगर इलाके में यादव के कई समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हुए और नारेबाजी की.

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पार्टी का प्रभावशाली युवा चेहरा यादव भिलाई नगर निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार विधायक हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान सामने आए कथित कोयला लेवी घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय और राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज मामलों में भी यादव आरोपी हैं.

 

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देवेंद्र पर क्या हैं आरोप?

अग्रवाल ने बताया कि बलौदाबाजार आगजनी की घटना में कोतवाली थाने में दर्ज मामले के सिलसिले में यादव को गिरफ्तार किया गया है.

मामला भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा करने की सजा), 186 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए स्वेच्छा से बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और 307 (हत्या का प्रयास) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 के प्रावधान शामिल हैं.

 

20 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे देवेंद्र

अग्रवाल ने बताया कि यादव को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 20 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने यादव को बयान दर्ज करने के लिए कम से कम तीन बार बुलाया था, लेकिन उसने सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

विधायक के घर के बाहर समर्थकों का हंगामा

बलौदाबाजार से पुलिस के जवान अपने दुर्ग समकक्षों के साथ सुबह करीब सात बजे यादव के घर पहुंचे. खबर फैलते ही यादव के समर्थकों ने विधायक को बचाने की कोशिश की और नारे लगाए. पुलिस आखिरकार शाम करीब पांच बजे यादव को अपने साथ ले जाने में सफल रही.

क्या है पूरा मामला

15 और 16 मई की रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में अमर गुफा के पास सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' या 'विजय स्तंभ' को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया, जिसके बाद जून में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

10 जून को, 'विजय स्तंभ' की कथित तोड़फोड़ के खिलाफ सतनामियों की ओर से बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार शहर में भीड़ ने एक सरकारी कार्यालय की इमारत और 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी, जिसके कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी गई.

 

दशहरा मैदान में सतनामियों की ओर से आयोजित प्रदर्शन के दौरान यादव सहित कांग्रेस नेताओं ने कथित तौर पर एक सार्वजनिक बैठक में भाग लिया था. 10 जून की आगजनी के सिलसिले में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम "रेजिमेंट" के सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

 

देवेंद्र यादव ने क्या कहा?

सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि वह सरकार से नहीं डरते और लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

उन्होंने भिलाई में कहा, "राज्य सरकार बलौदाबाजार आगजनी मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंसाने की कोशिश कर रही है. सरकार ने सतनामी समुदाय के युवाओं और निर्दोष लोगों के लिए आवाज उठाने पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की. मैं सरकार से नहीं डरता और कानूनी लड़ाई लड़ूंगा."

यादव ने दावा किया कि वह पहले भी बलौदाबाजार पुलिस के समक्ष तलब किए जाने के बाद पेश हुए थे.

 

बघेल ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यादव की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और पुलिस से राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं करने को कहा.

बघेल ने आरोप लगाया, "पूरी घटना में सरकार और पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. घटना में भाजपा के पूर्व विधायक सनम जांगड़े की कथित भूमिका सामने आने के बावजूद भाजपा के किसी भी सदस्य से न तो पूछताछ की गई और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया." सतनामी समुदाय के प्रदर्शन का एक वीडियो दिखाता है कि यादव न तो मंच पर चढ़े और न ही वहां लंबे समय तक इंतजार किया. उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष के कारण की गई है और "हम इसका विरोध करते हैं." बघेल ने कहा, "हम कानूनी सुझाव लेंगे और उसके अनुसार भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे."

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