CG LokSabha Election: बकरा, डौकी, बच्चा जैसे मजेदार बयान से रिझा रहे कवासी लखमा

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CG LokSabha Election: अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर कवासी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पर बयान पर बयान दे रहे है.उनके कुछ बयान तो ऐसे है जिसे सुनकर आप अपने आपको हंसने से नहीं रोक पाएंगे

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बच्चा, डौकी, बकरा, कुकरी, चूड़ी ये वो सारे शब्द है जिसका इस्तेमाल बस्तर की सियासत में इन दिनों धड़ल्ले से हो रहा है. कांग्रेस के तेजतर्जार नेता और इस सीट से प्रत्याशी कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) इन तमाम शब्दों के जरिए अपने विरोधियों पर हमला बोल रहे है. अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर कवासी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पर बयान पर बयान दे रहे है.उनके कुछ बयान तो ऐसे है जिसे सुनकर आप अपने आपको हंसने से नहीं रोक पाएंगे. ऐसे ही कुछ लखमा की चुनिंदा बातें हम आपको सुनाने जा रहे है.

हम कांग्रेस लोग चूड़ी नहीं पहन रखे हैं- लखमा

बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने दिग्गज आदिवासी नेता कवासी लखमा को मैदान में उतारा है. प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही कवासी फूल एक्शन मोड में हैं.आचार संहिता उल्लंघन मामले में कवसी पर जब केस दर्ज हुआ तब लखमा बीजेपी पर जमकर भड़के थे.उन्होंने कहा कि उनके चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी डर गई है. इतना ही नहीं यहां तक कह दिया था कि हम कांग्रेस लोग चूड़ी नहीं पहन रखे हैं.

अपने बेटे के डौकी मांगने गया था-कवासी


टिकट मिलने के बाद भी कार्यकर्ताओं के बीच चल रहे शिकवा- शिकायतों को कवासी ने अपने अंदाज में साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी. लखमा ने सार्वजनिक मंच से दीपक बैज को प्रदेश का सबसे बड़े नेता बता दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैने बस्तर से टिकट नहीं मांगा था. अपने बेटे के डौकी मांगने गया था, लेकिन पार्टी ने मुझे दुल्हन सौंप दिया.

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मेरा मुकाबला कश्यप से नहीं मोदी से- कवासी


कवासी ने बीजेपी के अंतरकलह पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कवासी ने कहा कि मेरा मुकाबला महेश कश्यप (Mahesh Kashyap) से नहीं बल्कि मोदी से है. लखमा ने तो महेश कश्यप को राजाओं का कैंडिडेट बताया.इस दौरान कहा कि महेश कश्यप को टिकट देने से बस्तर के बीजेपी नेता नाराज हैं. कवासी ने कांग्रेस को सभी धर्मों को मानने वाली पार्टी कहा. खुद को बस्तर का आदिवासी कहते हुए लखमा ने कह दिया हम तो बलि देने वाले लोग हैं. बकरा मारने वाले लोग हैं. 

कवासी के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प

कवासी बस्तर के कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते है. बेबाकी से बयान के लिए जाने जाने वाले लखमा कोंटा विधानसभा से छठवी बार के विधायक हैं. 2018 में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार मे उन्हें आबकारी और उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री भी बनाया गया था. इस बार लखमा अपने बेटे हरीश को टिकट दिलाना चाहते थे. ऐसा माना जा रहा है कि हरीश को टिकट देने पर विवाद हो सकता था इसलिए पार्टी ने कवासी को टिकट दिया. लखमा के मैदान पर उतरने से बस्तर का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि इतने दांव- पेच के बाद भी लखमा कांग्रेस की इस सीट को बचा पाने में सफल हो पाएंगे....
ब्यूरो रिपोर्ट छत्तीसगढ़ तक

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