छत्तीसगढ़: ‘छात्रसंघ चुनाव’ के बहाने युवाओं को साधने की तैयारी! बघेल ने क्यों किया ये ऐलान?
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस हर वर्ग को साधने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इस कड़ी में उन्होंने युवाओं की ओर…
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस हर वर्ग को साधने की पुरजोर कोशिश कर रही है. इस कड़ी में उन्होंने युवाओं की ओर भी अपना ध्यान केन्द्रित किया है. पार्टी ने पहले, युवा आदिवासी नेता दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस का मुखिया बनाकर पार्टी में युवाओं को तवज्जो दिए जाने का सियासी संदेश दिया, तो वहीं अब राज्य में अगले साल छात्र संघ चुनाव कराने का वादा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है.
दरअसल, सीएम बघेल बुधवार को एनएसयूआई के “बात हे स्वाभिमान के हमर पहली मतदान के” कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अगले साल से छात्रसंघ चुनाव कराने की घोषणा की. अब सीएम की घोषणा के साथ अगले साल से चुनाव कराए जाएंगे. कार्यक्रम में मौजूद एक युवा के छात्रसंघ चुनाव कराने के सवाल पर उन्होंने छत्तीसगढ़ी में जवाब दिया, “अगले साल पक्का कराबो ए बात के वादा करत हंव.(अगले साल पक्का चुनाव कराएंगे इसका वादा करता हूं)”
बताया जा रहा है कि बघेल के इस ऐलान के बाद युवाओं और खासकर छात्रसंघ के सदस्यों में खुशी देखी जा रही है.
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बता दें कि साल 2017 के बाद से राज्य में छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए हैं.पिछले कुछ सालों से कॉलेजों में प्रतिनिधियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाता रहा है, वहीं इससे पहले चुनावी प्रक्रिया से छात्रसंघ के पदाधिकारियों का निर्वाचन होता था.
बघेल किस तरह युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं इसकी बानगी अगर देखनी हो तो उनकी रणनीति पर निगाह डाली जा सकती है. बघेल ने बैज की नियुक्ति को भी युवाओं को तरजीह दिए जाने से जोड़ा था. उन्होंने कहा था, ‘‘रायपुर में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में 50 वर्ष से कम उम्र वालों को 50 प्रतिशत सीटें देने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ से हो गई है। दीपक जी की उम्र 42 साल है।”
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अब जब प्रदेश विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है तब कांग्रेस इस ओर और सक्रिय दिखाई दे रही है. सीएम भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जरिए विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जन संवाद कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भेंट-मुलाकात के माध्यम से युवाओं से सीधे मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने उनकी मांगों को तत्काल पूरा करने का आश्वासन भी दिया. इसके अलावा उन्होंने युवाओं से शासकीय योजनाओं के संबंध में उनकी राय भी पूछी. हालांकि सीएम बघेल इस ऐलान को अमल में तभी ला पाएंगे जब उनकी दोबारा सरकार बनेगी. कुलमिलाकर, कांग्रेस और मुख्यमंत्री बघेल युवाओं के सियासी महत्व को बखूबी समझ रहे हैं. लेकिन प्रदेश के युवा इसे किस तरह लेते हैं यह तो वक्त ही बताएगा.
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