राधिका खेड़ा ने बघेल से लेकर कई कांग्रेस नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- मैं कमरे में चीखती रही...

ADVERTISEMENT

radhika khera
radhika khera
social share
google news

Radhika Kheda Press Conference: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद राधिका खेड़ा ने पार्टी नेताओं पर गंभीर आरोप  लगाए हैं.राधिका खेड़ा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि वो बंद कमरे में चीखती-चिल्लाती रहीं. राहुल गांधी की यात्रा के दौरान उन्हें शराब ऑफर की गई. छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के कांग्रेस नेताओं से गुहार लगाई लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. भूपेश बघेल ने उन्हें छत्तीसगढ़ छोड़ने के लिए कह दिया. इसके बाद हताश होकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा

राधिका का कहना है, 'जब से रामलला के दर्शन करके आई हूं, मुझे निरंतर विरोध का सामना करना पड़ा. मेरे साथ इस तरह से व्यवहार और बर्ताव किया जाएगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था.राधिका ने कहा कि मैं एक हिंदू हूं, मैं एकसनातन धर्म की अनुयायी हूं, इसलिए मुझे न्याय नहीं मिला. क्या आपकी (कांग्रेस) लड़ाई रामलला से है या आपकी लड़ाई किसी राजनीतिक दल से है? इस पार्टी को फैसला करना होगा. मैंने 6 दिनों तक इंतजार किया और न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसलिए 22 साल बाद मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.'

'2 नेताओं ने मेरे कमरे में लगाया ताला'

खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,'किसी भी महिला के लिए पार्टी कार्यालय सबसे सुरक्षित होते हैं लेकिन 30 तारीख को सुशील आनंद ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया.
मैं चिल्लाती रही और दूसरों से मदद मांगती रही, कोई मेरी मदद के लिए नहीं आया.सुशील आनंद के निर्देश पर 2 नेताओं ने मेरे कमरे में ताला लगा दिया.एक मिनट के लिए कमरा बंद कर दिया गया. मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया. किसी ने मदद नहीं की.मैं चिल्लाती रही और दूसरों से मदद मांगती रही, कोई मेरी मदद के लिए नहीं आया. सुशील आनंद के निर्देश पर 2 नेताओं ने मेरे कमरे में ताला लगा दिया.एक मिनट के लिए कमरा बंद कर दिया गया.मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गयाकिसी ने मदद नहीं की.'

ADVERTISEMENT

'भूपेश बघेल ने नहीं उठाया फोन'

राधिका खेड़ा ने कहा जब मुझे धमकाया गया और परेशान किया गया तो मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और कृष्ण से प्रार्थना की.मैं कमरे से भाग निकला और संगठन मंत्री से मिला. किसी ने भी शुशील आनंद को फोन नहीं किया और न ही उनसे पूछा.यह मेरे लिए एक डरावना क्षण था.चुनाव नजदीक होने के कारण मुझसे चुप रहने को कहा गया.मैंने भूपेश बघेल को फोन किया, उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया.'


खेड़ा ने बताया,'पवन खेड़ा और जय राम रमेश ने भी मेरा फोन नहीं उठाया.मैंने ओएसडी भूपेश बघेल को फोन करके उन्हें अवगत कराया लेकिन मुझे बताया गया कि मैं पार्टी के साथ समन्वय बनाने में विफल रहा हूं.मैंने पवन खेड़ा से बात की. मैंने भूपेश बघेल से सुशील आनंद शुक्ला की शिकायत की लेकिन उन्होंने मुझे छत्तीसगढ़ छोड़ने के लिए भी कहा. मैंने 6 दिनों तक इंतजार किया. मैंने जयराम रमेश, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, खड़गे और उनके कार्यालयों तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन कोई मदद नहीं मिली.'

ADVERTISEMENT

'नशे में खटखटाते थे दरवाजा'

इसके साथ ही खेड़ा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उनके साथ अभद्रता की कोशिश की गई. उन्होंने बताया कि कोरबा में जिस होटल में रुकी हुई थीं.वहां उन्हें शराब ऑफर की जाती थी. उन्होंने बताया, 'सुशील आनंद शुक्ला ये जानने की कोशिश करते थे कि वो कौन से कमरे में रुकी हुईं हैं और उन्हें कौन सी शराब भेजी जाए. इसके बारे में उस समय भी मैंने अपनी पार्टी के बड़े नेताओं को जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. "राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष- सुशील आनंद शुखा ने मुझे शराब की पेशकश की और वह 5-6 पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ नशे की हालत में मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाते थे. मैंने सचिन पायलट और जयराम को सूचित किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. मुझे बाद में समझ आया कि मुझे नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि मैं पार्टी की हिंदू विरोधी विचारधारा का पालन नहीं करती थी.'

ADVERTISEMENT


 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT