छत्तीसगढ़ के नए पीसीसी अध्यक्ष का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: जानें संगठन में बदलाव से लेकर गठबंधन तक के मुददों पर क्या बोले बैज

धर्मेन्द्र महापात्र

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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है. इस बीच प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस ने संगठन और सरकार में कई फेरबदल किए हैं. सूबे में कांग्रेस की कमान भी अब युवा आदिवासी नेता दीपक बैज को सुपूर्द कर दिया गया है. लिहाजा नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की आगामी रणनीतियों और कदमों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. बस्तर लोकसभा सीट से सांसद बैज ने पार्टी की तैयारियों,योजनाओं समेत विभिन्न मुद्दों पर छत्तीसगढ़ Tak से विशेष बातचीत की. प्रस्तुत है महत्वपूर्ण अंश-

आगामी विधानसभा चुनाव आपके लिए कितना कठिन और कितना आसान होने होने वाला है?

नई और बड़ी जिम्मेदारी मिली है. आलाकमान ने भरोसा जताया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, टीएस बाबा साहब, चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू जी समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने भरोसा जताया है.समय कम है और मेहनत ज्यादा करनी है.मुश्किलें कहीं नहीं हैं. यह इसलिए क्योंकि हमारी कांग्रेस की सरकार में और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बेहतर काम हुआ है. हमें जनता के बीच में जाने में कोई दिक्कत नहीं है.दूसरी चीज कांग्रेस पार्टी चुनाव की तैयारी पिछले साढ़े चार सालों से यानी जबसे सरकार बनी है तब से कर रही है.मनेटवर्क बड़ा है, तो हमारे कार्यकर्ता बूथ लेवल तक हैं.सिर्फ इशारे करने की जरूरत है. काम चल रहा है,तो कहीं भी हमें काम करने में कोई दिक्कत नहीं है.

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अभी क्या तैयारियां चल रही हैं?

अभी तो पदभार ग्रहण किए तीन-चार दिन ही हुए हैं. अभी हम लोग हमारी प्रभारी शैलजा जी और वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर लगातार रणनीति बना रहे हैं. अब जितना जल्दी हो सके हम लोग रोडमैप बनाकर अगला कार्यक्रम जारी करेंगे.

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चुनाव नजदीक है, किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे?

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हम लोगों के पास मुद्दों की कमी नहीं है.किसानों के लिए मुद्दा है, युवाओं के लिए मुद्दा है.बेरोजगारों के लिए मुद्दा है.माता बहनों के लिए मुद्दा है.सब चीज है हमारे पास. हम लोग आसानी से जनता के पास जाएंगे. हमारे कार्यकर्ता सीना ठोकर जनता के पास जाएंगे.कहीं कोई दिक्कत नहीं है.

बीजेपी को घेरने के लिए के लिए क्या प्लान तैयार होगा या किया जा रहा है?

बीजेपी वैसे भी वेंटिलेटर पर है. उसको ऑक्सीजन देने के लिए दिल्ली से नेता लोग आ रहे हैं. वे आपस में लड़ रहे हैं. अरुण साव को पचा नहीं पा रहे हैं क्योंकि उनसे बड़े-बड़े वरिष्ठ नेता हैं. वहां गुटबाजी ही खत्म नहीं हो पा रही है. भले ही वह बड़ी पार्टी है, केन्द्र ने पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन फिर भी हम छत्तीसगढ़ में 75 से ज्यादा सीटें ला रहे हैं.

भाजपा नरवा,गरुवा,घुरुवा, बाड़ी पर घेरती है, तो क्या यह भी बड़ा मुद्दा हो सकता है?

देखिए, नरवा,गरुवा,घुरुवा, बाड़ी छत्तीसगढ़ के स्वाभीमान से जुड़ा हुआ है. लेकिन ये लोग (भाजपा) नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ स्वाभीमान को लागू करें.इसलिए ये लोग उंगली उठा रहे हैं. मई महीने में अगर 12 बजे 02 बजे जाएंगे तो कहां से वहां (गौठान) गाय-बैल मिलेंगे. कहीं वो छांव पर दिखेंगे, कहीं पर शेड पर दिखेंगे.कहीं खुले में दिखेंगे. तो उनके पास कोई मुद्दा नहीं है.बीजेपी मुद्दाविहीन हो गई है.इसलिए वह प्रोपेगेंडा कर रही है. जनता सब समझ रही है.

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को शामिल करने या गठबंधन करने की कोई कवायद चल रही है?

अभी तक ऐसा कोई विचार नहीं किए हैं.बाकी पार्टी स्वतंत्र है. कांग्रेस बड़ी पार्टी है, अकेले के दम पर चुनाव लड़ेगी.

संगठन में बदलाव को लेकर कोई योजना?

अभी हमारी प्रभारी शैलजा जी, सत्ता और संगठन सबसे चर्चा करेंगे. अगर कोई आंशिक संशोधन करना है तो देखेंगे.

कार्यकर्ताओं में कहीं अंसतोष नजर आ रहा है क्या?

मेरे अध्यक्ष बनने के बाद तो कार्यकर्ताओं में जोश है. मैंने देखा अभनपुर से लेकर जगदलपुर और लोहंडीगुड़ा तक उत्साह है. मैं समझता हूं कि यह उत्साह आगे भी बनाकर रखना है.

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