लिफ्ट मांगने पर आदिवासी छात्र की पीट-पीटकर हत्या! कांग्रेस ने कहा- ये है बीजेपी का जंगलराज
Chhattisgarh News: रायपुर में लिफ्ट मांगने पर 21 साल के युवक की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. जिसके बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है.
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Chhattisgarh News: राजधानी रायपुर में बस्तर से पढ़ने आए 21 साल के एक छात्र की दो लोगों ने कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत दो लोगों को हिरासत में ले लिया है.मृतक ने आरोपियों से लिफ्ट मांगी थी,इस दौरान उनके बीच विवाद हो गया. आरोपियों ने अपने मोहल्ले में ले जाकर स्टूडेंट को लात-घूंसों से जमकर पीटा और फिर जमीन पर उसका सिर पटक-पटक कर मार डाला. मामला पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है.
बस्तर के लोहाड़ीगुड़ा निवासी मंगल मुरिया (21) रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में फर्स्ट ईयर का छात्र था.वह माना कैंप में रह रहा था. पुलिस ने बताया कि ये घटना 24 जून की है. रात 1 बजे मुरिया कालीबाड़ी चौक पर खड़ा हुआ था. इसी दौरान आरोपी सावन डोंगरे नबाालिग लड़के के साथ बाइक पर वहां पहुंचा.उन्हें देखकर मंगल ने उनसे लिफ्ट मांगी और आगे तक छोड़ने के लिए कहा. बताया जा रहा है कि इस दौरान आरोपियों ने उसे गाली देना शुरू कर दिया. मंगल ने मना किया तो उनमें विवाद हो गया.
पुलिस को देखकर भागे आरोपी
इसके बाद उन्होंने मंगल को बाइक पर बिठा लिया और भाटागांव स्थित BSUP कॉलोनी ले गए. इसके बाद मंगल को वो पीटने लगे और उसका एटीएम कार्ड, पासबुक और अन्य सामान छिन लिया. आरोपियों ने मंगल से ATM का पासवर्ड पूछा, तो उसने मना कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने उसका सिर सड़क पर पटक-पटक कर मारा. जैसे ही आरोपियों ने पुलिस वाहन देखा वो मौके से फरार हो गए.पुलिस ने मंगल मुरिया को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. छात्र की मौत के बाद पुलिस ने 29 जून को मामला दर्ज किया और 30 जून को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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बैज ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
अब इस मामले में कांग्रेस ने सत्तापक्ष को घेरा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, 'आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में एक आदिवासी छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी सुरक्षित नहीं है. क्या यही है कानून का राज, जहां रास्ता पूछने पर एक कॉलेज छात्र को मार डाला. इस बच्चे के आदिवासी परिवार ने अपने बच्चे को पढ़ाने का सपना देखा था.उन्हें क्या पता था छत्तीसगढ़ में कानून का नहीं जंगल राज चल रहा है. उसका बच्चा पढ़-लिखकर अपना कैरियर नहीं बना पाएगा, भाजपा के राज में उसकी लाश घर वापस आएगी। पुलिस निष्क्रिय और निकम्मी बन गई है.'
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