गढ़ के दावेदार: कोरबा सीट पर हर बार बदल जाता है ट्रेंड, लोकसभा के लिए बीजेपी-कांग्रेस की तरफ से ये हैं दावेदार!

गेंदलाल शुक्ल

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Korba Lok sabha Seat: छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट पर इस वक्त कांग्रेस का कब्जा है. यहां से नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत (Charan das Mahant) की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं. 2019 में मोदी लहर के बावजूद ज्योत्सना महंत इस सीट से जीतने में कामयाब हुई थीं. ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी ये सीट बचाने की जद्दोजहद में लगी हुई है. वहीं बीजेपी (BJP) 11 सीटें जीतने के लक्ष्य से आगे बढ़ रही है. हमारी खास रिपोर्ट ‘गढ़ के दावेदार’ में हम समझेंगे कि कोरबा से बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से कौन-कौन टिकट के दावेदार हो सकते हैं.

कोरबा लोकसभा क्षेत्र का गठन 2008 के परिसीमन के बाद हुआ. कोरबा लोकसभा में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कोरबा, कटघोरा, पाली तानाखार, रामपुर, मरवाही, मनेंद्रगढ़, भरतपुर-सोनहत और बैकुंठपुर शामिल है. इस सीट के गठन के बाद कोरबा लोकसभा क्षेत्र में अब तक तीन चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से दो चुनाव कांग्रेस और 1 चुनाव बीजेपी जीत चुकी है.

जानें कोरबा से कौन कब बना सांसद

2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की करुणा शुक्ला को हरकार कांग्रेस के चरणदास महंत सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने सीटिंग सांसद चरणदास महंत को हराया था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट में वापसी की और चरणदास महंत की पत्नी ज्योतसना महंत यहां से चुनाव जीत गईं. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार ज्योतिनंद दुबे को हराया था.

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कोरबा लोकसा में ST वोटर्स का दबदबा

अब कोरबा लोकसभा के वोटर्स की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति यानी ST वर्ग के 44.5 प्रतिशत मतदाता हैं. इसके बाद अनुसूचित जाति के 9.2 फीसदी, मुस्लिम वोटर्स 3.5 प्रतिशत और बाकी बचे हुए वोटर्स सामान्य वर्ग और OBC कैटेगरी से हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में साक्षरता दर 61.16 प्रतिशत है. वर्तमान में इस लोकसभा क्षेत्र में 15 ,99,188 मतदाता हैं.

कोरबा सीट पर हर बार बदलता है ट्रेंड

प्रत्याशियों की जीत हार में अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की निर्णायक भूमिका होती है. हाल के विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने लोकसभा क्षेत्र के 8 विधानसभा क्षेत्र में दो लाख से अधिक वोट पाया था. इस लिहाज से इन दोनों दलों की भूमिका भी लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण होगी. अब तक के तीन चुनाव में हर बार नतीजा बदल जाता है. इस चुनाव में भी यह ट्रेंड बरकरार रहता है या नहीं यह देखना होगा.

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Korba Lok Sabha Seat: कोरबा में क्या है खास?

कोरबा लोकसभा में कई कोयला खदाने हैं, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. वहीं छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा मिनीमाता हसदेव बांगो बांध भी यहां पर स्थित है. यहां पर घने जंगल भी हैं, जो जंगली हाथियों का पसंदीदा रहवास है.

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बीजेपी की तरफ से ये हो सकते हैं दावेदार

अब बात करते हैं कि आखिर यहां से बीजेपी किसे अपना उम्मीदवार बना सकती है. 2019 में बीजेपी ने इस सीट से हाथ गंवा दिया था, ऐसे में बीजेपी का इस बार फोकस 11 की 11 सीटें जीतने का है. खबरें हैं कि बीजेपी विकस महतो को अपना प्रत्याशी बना सकती है.

विकास महतो कोरबा के पूर्व सांसद स्वर्गीय डॉ बंशीलाल महतो के पुत्र हैं, जो 2014 से 2019 तक सांसद थे. विकास महतो 2018 में बीजेपी के टिकट पर कोरबा से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन वो हार गए थे.फिलहाल वो भाजपा में महामंत्री हैं.

Korba Lok Sabha Seat: ये चौंकाने वाला नाम भी शामिल

इसके बाद टिकट के दावेदारों में जागेश लांबा का नाम भी सामने आ रहा है. जागेश लांबा कोरबा के पूर्व महापौर रह चुके हैं और उन्होंने भी कोरबा से ही 2013 में बीजेपी की तरफ से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वो भी जयसिंह अग्रवाल से हार गए थे.

इन दोनों नाम के अलावा एक और नाम की चर्चा जोरों पर है. खबरें हैं कि राज्यसभा सांसद रह चुकीं सरोज पांडे को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है.

Korba Lok Sabha Seat: कांग्रेस की तरफ से ये हो सकते हैं दावेदार

कांग्रेस के लिए कोरबा सीट बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस 11 में से 2 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जिसमें बस्तर और कोरबा की सीट शामिल है. ऐसे में कांग्रेस की यही कोशिश रहेगी की मजबूत उम्मीदवार को मैदान पर उतारकर वो अपनी सीट बरकरार रखे. खबरें हैं कि कांग्रेस मौजूदा सांसद ज्योतसना महंत को दोबारा मौका दे सकती है.

सिंहदेव के नाम पर भी थी अटकलें

इसके अलावा माना जा रहा है कि विशेष परिस्थिति में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत भी प्रत्याशी हो सकते हैं. चरणदास महंत इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं.

इससे पहले टीएस सिंहदेव का नाम भी जोरों पर था, कि शायद वो कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन हाल ही में सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. ये तो बस कयास हैं अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी और कांग्रेस किसे अपना प्रत्याशी बना सकती है.

कोरबा से गेंदलाल शुक्ल की रिपोर्ट

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