साय को मिला था जूदेव का साथ; पंच-सरपंच… अब बन गए सीएम

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Chhattisgarh New CM Vishnu Deo Sai-  भाजपा ने रविवार को दिग्गज आदिवासी नेता विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) को छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना. 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वे सीएम के तौर पर शपथ लेंगे. केंद्रीय मंत्री रह चुके साय का यह सफर इतना आसान नहीं था. उनकी सियासी यात्रा की शुरुआत ग्राम पंचायत के पंच के तौर पर हुई थी. पंच, सरपंच, विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री जैसी भूमिकाएं निभाते हुए वे अब प्रदेश के मुखिया बनने जा रहे हैं. बता दें कि साय को भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री साय दो बार छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख रह चुके हैं. पिछले महीने विधानसभा चुनाव में राज्य के सरगुजा संभाग की कुनकुरी सीट से वे विधायक चुने गए.

पंच बनकर किया राजनीति में पदार्पण

साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक गांव के सरपंच के रूप में की और महत्वपूर्ण संगठनात्मक भूमिकाएं निभाने के अलावा केंद्रीय मंत्री और कई बार लोकसभा सदस्य बने. वह आदिवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया में रहने वाले एक किसान परिवार से हैं. 1989 में, वह बगिया ग्राम पंचायत के ‘पंच’ के रूप में चुने गए और इसके अगले वर्ष निर्विरोध सरपंच बन गए.

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जूदेव का मिला साथ

भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने 1990 में साय को चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था. उसी वर्ष, साय अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा (जशपुर जिले में) से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे. 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यह सीट बरकरार रखी.

सरकार और संगठन में कई बड़ी भूमिका निभा चुके हैं साय

2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद साय को इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था. साय के आरएसएस के साथ भी अच्छे संबंध हैं. आदिवासी राजनेता ने 2006 से 2010 तक और फिर जनवरी से अगस्त 2014 तक भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रमुख के रूप में कार्य किया. 2018 में राज्य में भाजपा की सत्ता खोने के बाद, उन्हें 2020 में फिर से छत्तीसगढ़ में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई.

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आदिवासी दांव में फिट बैठे साय

भाजपा ने इस चुनाव में आदिवासी इलाकों में काफी फोकस किया. लिहाजा पार्टी ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें हासिल कीं, इस उपलब्धि ने पार्टी की जीत की संख्या में महत्वपूर्ण संख्याएं जोड़ दीं.

इस साल नवंबर में चुनावों से पहले साय को जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नामित किया गया था. चुनाव में उन्हें कुनकुरी (जशपुर जिला) से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यूडी मिंज को 25,541 वोटों से हराकर जीत हासिल की.

विशेष रूप से पिछले महीने कुनकुरी निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने मतदाताओं से साय को चुनने का आग्रह किया था, और वादा किया कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में वापस आती है तो साय को “बड़ा आदमी” बना दिया जाएगा. अब पार्टी की सत्ता आने के बाद साय प्रदेश के सीएम बनने जा रहे हैं.

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