छत्तीसगढ़ राजनीति: कांग्रेस सरकार की बनाई श्रीराम की मूर्ति पर बीजेपी को ऐतराज, अब क्या होगा आगे?

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Chhattisgarh News: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही छत्तीसगढ़ में राम को लेकर अब सरकार एक्शन मोड में आ गई है. विश्व के एकमात्र चंदखुरी (Chandkhuri Mandir) स्थित मां कौशल्या मंदिर में स्थापित राम की मूर्ति (Chandkhuri Ram Statue) बदलने को लेकर भी साय सरकार ने फैसला कर लिया है. इसके पीछे बीजेपी सरकार ने तर्क दिया है कि राम की प्रतिमा जनभावनाओं के अनुरुप नहीं बनाई गई है.

कांग्रेस ने जनभावनाओं को ठेस पहुंचाया- बृजमोहन

छत्तीसगढ़ सरकार के धर्मस्व और संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया है कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही सरकार ने यह निर्णय लिया है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राम जी की ऐसी मूर्ति स्थापित की, जिससे जनभावनाएं आहत हुई है. अब छत्तीसगढ़ सरकार कांग्रेस सरकार की इस भूल को सुधारने जा रही है. इसके अलावा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में अयोध्या के राम मंदिर की भी हू-ब-हू प्रतिकृति बनवाने का फैसला किया है. बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया है कि जो लोग अयोध्या नहीं जा पाएंगे, वे मुक्तांगन में आकर राम मंदिर को देख सकेंगे.

सरकार के मंत्रियों को सत्ता का अहंकार- कांग्रेस

पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अक्टूबर 2021 को राम वनगमन पथ से चंदखुरी को जोड़ा था. कांग्रेस सरकार ने ना केवल ऐतिहासिक कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया बल्कि श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विकसित करने की परियोजना का शुभारंभ चंदखुरी से ही किया था. मंदिर परिसर में राम की भव्य और ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई गई थी. हालांकि यहां स्थापित की गई राम की भव्य प्रतिमा को लेकर विपक्ष में रहते हुए बीजेपी भी हमलावार रही है.

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अब मूर्ति बदलने के इस फैसले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों पर सत्ता का अहंकार चरम पर है. जनता का ध्यान भटकाने इस तरह का फैसला लिया जा रहा है. सरकार को तो प्रदेश की खुशहाली के लिए काम करना चाहिए. सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाकर हम सबकी भावनाओं को ठेस पहुंचाकर राजनीति करना चाहते है.

पुन्नी मेला की जगह फिर होगा राजिम कुंभ

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के साथ ही ये माना भी जा रहा था कि प्रदेश में कई सांस्कृतिक बदलाव होंगे. इसे लेकर साय सरकार ने संकेत भी दे दिए हैं. पहले राजिम पुन्नी मेला का नाम बदलकर राजिम कुंभ का ऐलान किया गया. इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि कुंभ का नाम होने से राजिम को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी. इसके साथ ही राम वन गमन पथ मार्ग परियोजना को लेकर भी सरकार ने जांच पड़ताल तेज कर दिया है. साथ ही चंदखुरी के कौशल्या मंदिर की राम प्रतिमा बदलने के फैसले को कुछ महीने बाद हो रहे लोकसभा चुनाव के पहले हिंदुत्व के एजेंडे सेट करने से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

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ब्यूरो रिपोर्ट, छत्तीसगढ़ तक

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