खाद-बीज की कमी, बिजली कटौती, किसान परेशान? कांग्रेस ने लगाए बड़े आरोप
छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा हुआ जब कांग्रेस ने दावा किया कि लगातार बिजली कटौती, बीज और उर्वरकों की कमी के कारण चालू खरीफ सीजन में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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CG News- छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा हुआ जब कांग्रेस ने दावा किया कि लगातार बिजली कटौती, बीज और उर्वरकों की कमी के कारण चालू खरीफ सीजन में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मुख्य विपक्षी दल ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की. जैसे ही अध्यक्ष ने मांग को खारिज किया, कांग्रेस विधायक सदन के वेल में आ गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया.
शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि भाजपा सरकार खाद, बीज और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है. किसान डीएपी 18:46 उर्वरक की मांग कर रहे थे, लेकिन वितरण केंद्र कर्जदार किसानों को अन्य उर्वरक खरीदने के लिए मजबूर कर रहे थे.
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उन्होंने दावा किया कि जिला सहकारी बैंकों में लगाए गए नोटिस में कहा गया है कि डीएपी 18:46 की कमी को देखते हुए एसएसपी और एनपीके उर्वरकों का उपयोग किया जाना चाहिए.
कई जिलों से मिलीं घटिया खाद और बीज की शिकायतें- बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वैकल्पिक उर्वरक भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं।
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उन्होंने दावा किया कि कबीरधाम, बेमेतरा, मुंगेली और राजनांदगांव जैसे जिलों से घटिया खाद और बीज की शिकायतें मिली हैं, लेकिन विक्रेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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‘बार-बार बिजली कटौती’
कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि कम बारिश के कारण सिंचाई पंप चलाने के लिए बिजली की मांग बढ़ गई है, लेकिन बार-बार बिजली कटौती हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि खाद, बीज की कमी और अनिर्धारित बिजली कटौती के कारण धान की फसल गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. उन्होंने स्थगन प्रस्ताव नोटिस पर चर्चा की मांग की.
कृषि मंत्री ने दिया जवाब
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि 13.68 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की कुल मांग के मुकाबले 14.05 लाख मीट्रिक टन उर्वरक स्टॉक में हैं, जिनमें से 22 जुलाई तक 10.28 लाख मीट्रिक टन वितरित किया जा चुका है. उन्होंने दावा किया कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 9.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया गया था.
उन्होंने आगे बताया कि 3.40 लाख मीट्रिक टन डीएपी की मांग के मुकाबले अब तक 2.35 लाख मीट्रिक टन किसानों को वितरित किया जा चुका है, जबकि 48,523 मीट्रिक टन डीएपी स्टॉक में है.
मंत्री ने कहा कि केंद्र से डीएपी की कम आपूर्ति को देखते हुए राज्य सरकार किसानों को एसएसपी और एनपीके का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. बीजों के संबंध में मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि आपूर्ति पर्याप्त है. गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए 5,065 बीज नमूनों में से केवल 137 नमूने ही घटिया पाए गए। इसी तरह कीटनाशकों के 338 नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए, जिनमें से केवल 25 नमूने ही घटिया पाए गए.
नेताम ने कहा कि उर्वरकों के कुल 3,469 नमूने जांच के लिए भेजे गए और उनमें से 1460 नमूनों का विश्लेषण किया गया. उन्होंने कहा कि केवल 24 नमूने (विश्लेषण किए गए 1460 में से) घटिया पाए गए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
स्थगन प्रस्ताव का नोटिस नामंजूर
नेताम के जवाब के बाद स्पीकर रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को नामंजूर कर दिया. लेकिन विपक्षी विधायक अपनी मांग उठाते रहे और वेल में आ गए, जिसके बाद नियमों के मुताबिक उन्हें स्वतः ही निलंबित कर दिया गया. बाद में निलंबन वापस ले लिया गया.
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