सनातन धर्म विवाद: विजय बघेल भड़के; कवासी लखमा ने दिया ये जवाब
Sanatan Dharma Controversy- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ पर टिप्पणी को लेकर सियासत तेज है. इस…
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Sanatan Dharma Controversy- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ पर टिप्पणी को लेकर सियासत तेज है. इस बीच डीएमके के सांसद ए राजा के इस पर दिए गए बयान ने सियासी पारा और बढ़ा दिया.अब इस मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नेताओं की भी एंट्री हो गई है. प्रदेश सरकार में मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) और भाजपा सासंद विजय बघेल (Vijay Baghel) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. लखमा ने इसे आरएसएस का प्रोपेगेंडा बताया. वहीं विजय बघेल ने ऐसे बयान देने वाले नेताओं को राक्षसी प्रवृत्ति वाला करार दिया.
आबकारी मंत्री लखमा ने कहा कि ये प्रोपेगेंडा है. यहा आरएसएस का काम है. उन्होंने कहा, “हम लोग भी सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं. हम लोग कौशल्या मंदिर बनाए, राम वन गमन पथ बनाए. हर घर में पुजारी है. हर घर में दिल से मानते हैं. इसलिए तो देवगुड़ी बना रहे हैं.” उन्होंने पूछा, “इन्होंने क्यों देवगुड़ी नहीं बनाए. खाली चुनाव के लिए एक धर्म एक परिवार… ये हिंदुस्तान और छत्तीसगढ़ की जनता समझ चुकी है.”
विजय बघेल ने क्या कहा?
दुर्ग सांसद और पाटन विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल ने कहा कि सांसद राजा जैसे लोगों की बुद्धि का क्या करें? पूरी दुनिया भारत देश को सम्मानजनक ढंग से देख रही है और अमेरिका के राष्ट्रपति आज अपने राष्ट्र के नागरिकों से हिंदी सीखने, भारत के संस्कार सीखने, भारत की संस्कृति सीखने का आह्वान कर रहे हैं और यह लोग भारत को तोड़ने वाले खंडित करने वाले लोग हैं. भगवान भी इन्हें माफ नहीं करेगा.
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अंबिकापुर जाने से पहले अपने भिलाई स्थित घर में उन्होंने कहा, “अब ऐसे लोगों के पीछे क्या पड़ना. हम अपने रास्ते चल रहे हैं. दुनिया के सारे देश भारतवर्ष के साथ चलने की कोशिश कर रहे हैं. वह अपनी धुन में रहे. राक्षसी प्रवृत्ति के लोग हैं. पहले भी थे अभी भी हैं. हर युग में ऐसे लोग रहे हैं. ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का क्या करना है, उनकी कांग्रेस पार्टी तय करेगी.”
क्या बोले थे स्टालिन और ए राजा?
तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की मलेरिया और डेंगू से तुलना करते हुए कहा था कि इसकी वजह से समाज में असमानता बढ़ रही है. लिहाजा इसे खत्म हो जाना चाहिए. स्टालिन के इस बयान पर डीएमके नेता ए राजा ने कहा कि सनातन धर्म की तुलना एड्स और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की जानी चाहिए, जिनके साथ सामाजिक कलंक जुड़ा हुआ है. उदयनिधि स्टालिन ने तो मलेरिया और डेंगू से तुलना करके विनम्रता दिखाई है. हालांकि कांग्रेस ने दोनों नेताओं के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस ने कहा कि वह उदयनिधि स्टालिन और ए राजा के बयान से सहमत नहीं है. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘हम पहले भी कह चुके हैं कि कांग्रेस का हर धर्म और सोच को साथ लेकर चलने का इतिहास रहा है. हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास करते हैं.”
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