अडानी की कोयला ढुलाई के लिए रेल कॉरिडोर का उद्घाटन करने आए थे पीएम: बघेल

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CM Baghels taunt on PM Modi- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर अडानी का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. सीएम बघेल ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अडानी की कोयला ढुलाई के लिए रेल कॉरिडोर का उद्घाटन करने छत्तीसगढ़ आए थे.

राजधानी रायपुर की मेकाहारा अस्पताल में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत हितग्राहियों की ओर से आभार प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लेने आए बघेल ने प्रधानमंत्री पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा, आपको क्या लगा था? प्रधानमंत्री जी यात्रियों के लिए रेल कॉरिडोर का उद्घाटन करने आए थे? जी नहीं! वे अडानी की कोयला ढुलाई के लिए इस कॉरिडोर का उद्घाटन करने आए थे.

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते गुरुवार को रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण रेल क्षेत्र परियोजनाओं का लोकार्पण किया.

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इसे लेकर सीएम बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी रेल कॉरिडोर का उद्घाटन करने के लिए आए थे लेकिन यात्रियों के लिए नहीं बल्कि अडानी की कोयला ढुलाई के लिए वह उद्घाटन करने आए थे. यात्रियों की सारी ट्रेनें रद्द हो रही हैं. कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर आंदोलन किया है फिर भी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.

उन्होंने कहा , “एक तरफ ये लोग बड़े दावे कर रहे हैं कि एक लाख मिट्रिक टन चावल दें तो हम खरीदने के लिए तैयार हैं. पहले ट्रेन तो चला लें. जो चल रही थीं वो भी नहीं चल पा रही हैं.”

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पीएम मोदी को लिख चुके हैं पत्र

बीते महीने भूपेश बघेल ने राज्य में यात्री ट्रेनों के अनियमित संचालन के कारण लोगों को होने वाली समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा था कि रेलवे ने बिना किसी पूर्व सूचना के कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है और यात्रियों को यह भी सूचित नहीं किया गया है कि ये ट्रेनें कितने समय तक रद्द रहेंगी. रद्द होने के अलावा यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण भी असुविधा हो रही है. उन्होंने कहा था कि यात्री ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए उन्होंने पहले भी रेल मंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. बघेल ने लिखा, “ट्रेनों के अनियमित संचालन के कारण छात्रों, तीर्थयात्रियों, रोगियों, व्यापारियों, मजदूरों सहित अन्य यात्रियों को गंभीर असुविधा हो रही है. राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी धीरे-धीरे इसका प्रभाव दिखने लगा है. राज्य के लोगों में गुस्सा है और सरकार और रेलवे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जा रहा है.”

कांग्रेस कर चुकी है रेल रोको आंदोलन

छत्तीसगढ़ में ट्रेनों को रद करने और लेट-लतीफी को लेकर कांग्रेस राज्यव्यापी रेल रोको आंदोलन भी कर चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि देश भर के 6,800 रेल स्टोपेज बंद किए गए, जिसमें से 200 अकेले छत्तीसगढ़ में हैं. वहीं साधारण पैसेंजर मेमू ट्रेन को स्पेशल ट्रेन बनाकर दोगुना किराया वसूला जा रहा है. इसके अलावा स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या घटाई गई. पार्टी का दावा है कि पिछले साढ़े तीन साल में 67,382 ट्रेनों को रद किया गया. पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने की साजिश रच रही है और जल्द इसे निजी हाथों में सौंपने का षड्यंत्र किया जा रहा है.

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