छतीसगढ़: पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कटौती पर बवाल, चंद्राकर बोले- मुझ पर भी बना हुआ है खतरा, CM होंगे जिम्मेदार
Chhattisgarh News- छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कटौती को लेकर भाजपा (Chhattisgarh BJP) और कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के नेता आमने-सामने आ गए हैं.…
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Chhattisgarh News- छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कटौती को लेकर भाजपा (Chhattisgarh BJP) और कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के नेता आमने-सामने आ गए हैं. भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं कांग्रेस इसे वीवीआईपी कल्चर से जोड़कर भाजपा पर तंज कस रही है. पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने कहा है कि उन पर भी खतरा बना हुआ है, उन्हें कई बार धमकी भी मिल चुकी है. अगर भाजपा के कार्यकर्ताओं को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की होगी.
अजय चंद्राकर ने वीडियो जारी कर कहा है, “भाजपा के पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम कर दी गई है और कहीं-कहीं हटा दी गई है, ये ऐसा कदम है जिससे हर एक कदम पर भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए खतरा मंडराता रहेगा.”
‘सीएम होंगे जिम्मेदार’
चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने कहा, “ इस खतरे से मैं स्वयं अछूता नहीं हूं. मुझे भी धमकी मिल चुकी है और लगातार ये खतरा बना हुआ है. मेरे इर्द-गिर्द संदिग्ध लोगों का एहसास मुझे कई बार हो चुका है. अगर किसी भी भाजपा कार्यकर्ता को भविष्य में कुछ भी क्षति पहुंचेगी उसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री जी और कांग्रेस सरकार जिम्मेदार होगी.”
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‘वीआईपी कल्चर नहीं छोड़ना चाहती भाजपा’
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) ने इसे वीवीआईपी कल्चर से जोड़ते हुए भाजपा पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि किसकी सुरक्षा बढ़ानी है किसकी कम करनी है यह सरकार की रिव्यू कमिटी तय करती है. लेकिन भाजपा 15 साल की वीवीआईपी कल्चर से निकल नहीं पाई है.उनको दो गाड़ी आगे और दो गाड़ी पीछे चाहिए. 10-10 पीएसओ चाहिए. वे लोग 15 साल तक तामझाम में रहे हैं, इससे उबर नहीं पाए हैं. लेकिन सरकार ने बस्तर या अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं की है. बैज ने कहा कि समय पर सूचना मिलती है तब स्थानीय प्रशासन उनकी सुरक्षा की पूरी व्यवस्था करता है. कहीं भी सुरक्षा में कोई कमी नहीं है. लेकिन वे वीआईपी कल्चर नहीं छोड़ना चाहते तो हम क्या कर सकते हैं?
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