गढ़ के दावेदार: कोरबा लोकसभा सीट से ये दिग्गज हैं टिकट के दावेदार, बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन!

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Korba Lok Sabha Seat: कोरबा लोकसभा क्षेत्र का गठन 2008 के परिसीमन के बाद हुआ. परिसीमन के बाद यहां अब तक 3 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 2 बार कांग्रेस तो 1 बार बीजेपी को जीत मिली. वर्तमान में यहां से कांग्रेस (Congress) की ज्योसना महंत सांसद हैं. 2019 में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने कोरबा (Korba) में बाजी मारी. ज्योतसना महंत (Jyotsana Mahant) बीजेपी उम्मीदवार ज्योतिनंद दुबे को हराकर सांसद बनीं. अब सत्ता में वापस आ चुकी बीजेपी की यही कोशिश है कि छत्तीसगढ़ की 11 की 11 लोकसभा सीटों पर उसका कब्जा हो. ऐसे में कोरबा सीट को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी का स्पेशल फोकस है.

कोरबा लोकसभा सीट के लिए बीजेपी की तरफ से तीन दिग्गजों के नाम सामने आ रहे हैं.

विकास महतो

कोरबा सीट से बीजेपी के 3 दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं.सबसे पहला नाम विकास महतो का है. विकास महतो को RSS और भाजपा की विचारधारा विरासत में मिली है. इनके पिता स्वर्गीय डॉक्टर बंशीलाल महतो संघ के स्वयंसेवक और जनसंघ के कद्दावर नेता रहे हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा क्षेत्र बंशीलाल महतो सांसद चुने गए थे. विकास भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. वर्तमान में वो छत्तीसगढ़ भाजपा के मंत्री के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में विकास को भाजपा ने कोरबा विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वो मूलतः किसान हैं, लेकिन एक स्कूल का भी संचालन करते हैं और छत्तीसगढ़ के बड़े ठेकेदार में उनका नाम शुमार है.

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जागेश लांबा

दूसरे दावेदारों में जागेश लांबा का नाम शामिल है. पूर्व सांसद बंशीलाल महतो के साथ कोरबा मंडल में जागेश महामंत्री रहे. इसके बाद उन्होंने कोरबा जिले के बीजेपी अध्यक्ष के रुप में जिम्मेदारी संभाली. साल 2009 से 2014 तक कोरबा नगर निगम में महापौर भी रहे. साल 2013 में महापौर रहते हुए कोरबा विधान सभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन जयसिंह अग्रवाल के हाथों उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. पेशे से जागेश लांबा बिजनेसमैन हैं.

सरोज पांडेय

तीसरे दावेदार के रुप में राज्यसभा सांसद सरोज पांडे का नाम सामने आ रहा है. दुर्ग की रहने वाली सरोज पांडे दो बार नगर निगम की महापौर रह चुकी हैं. महापौर रहते हुए 2003 में वो वैशाली नगर से विधायक बनीं…इसके बाद 2004 के लोकसभा में वो दुर्ग से चुनाव जीत गईं. छत्तीसगढ़ की वो अकेली ऐसी नेता हैं, जो एक ही वक्त में महापौर, विधायक और सांसद के रुप में अपनी सेवा दे चुकी हैं…राज्यसभा में सांसद रहते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई मुद्दों को मुखरता से उठाया है. इसी साल के अप्रेल महीने में उनका राज्यसभा से कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में खबरें हैं कि उन्हें छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है.

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कोरबा से गेंदलाल शुक्ल की रिपोर्ट

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