छत्तीसगढ़ में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी बसपा, मायावती ने दिया बड़ा बयान, जानें और कहा
आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है…
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आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने साफ कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी राज्य में किसी दूसरे दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी. इस दौरान पार्टी के खाते में दो सीटें आई थीं.
बुधवार को मायावती ने कहा, “हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. हम राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में हम राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा चुनाव का समय अब बेहद नजदीक है. सत्ताधारी गठबंधन व विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है, हालांकि इन मामलों में हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है. एक तरफ सत्ता पक्ष एनडीए अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन सत्ताधारी को मात देने के लिए कार्य कर रही है और इसमें बसपा भी पीछे नहीं है.”
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बसपा प्रमुख ने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है साथ ही एनडीए फिर से सत्ता में आने का दावा ठोक रही है लेकिन इनकी कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति और सोच लगभग एक जैसी ही रही है। यही कारण है कि बसपा ने इनसे दूरी बनाई है.”
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी ने गठबंधन की रणनीति बनाई थी. इस गठबंधन में बसपा के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी शामिल थी. इसका लाभ भी गठबंधन को चुनाव में हुआ. नतीजतन कांग्रेस की जबरदस्त लहर के बाद भी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने पांच सीटें जीतीं. बसपा को भी दो सीटें मिली थीं. हालांकि यह गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चल सका. लोकसभा चुनाव में यह बिखर गया. अब ये तो वक्त ही बताएगा कि अकेले चुनाव लड़कर बसपा कितनी सीटों पर कामयाबी हासिल करती है.
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