Lok Sabha Elections: कवासी लखमा का बढ़ा संकट! घबरा गई बीजेपी?
छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में केस दर्ज हुआ है. इसे लेकर जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लखमा के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी डर गई है. जबकि बीजेपी ने इसे कांग्रेस की परंपरा करार दिया है.
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FIR against Kawasi Lakhma- छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में केस दर्ज हुआ है. इसे लेकर जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लखमा के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी डर गई है. जबकि बीजेपी ने इसे कांग्रेस की परंपरा करार दिया है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश का सियासी माहौल गरमा गया है. लिहाजा सवाल उठता है कि क्या वाकई बस्तर सीट से दिग्गज कांग्रेस नेता लखमा के उतरने से बीजेपी डर गई है? लखमा के ऊपर एफआईआर दर्ज होने से कांग्रेस का संकट बढ़ जाएगा?
पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उनके साथ कांग्रेस के जगदलपुर शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य पर भी एफआईआर दर्ज की गई है.
बस्तर के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने कहा, “कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कुछ लोगों को पैसे बांटते दिखे थे. इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एडिशनल कलेक्टर साहब से शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के आधार पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है.”
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क्या है मामला?
दरअसल, बीते रविवार को कवासी लखमा कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने के बाद रायपुर से जगदलपुर आए हुए थे. इस दौरान लखमा ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ दंतेश्वरी मंदिर दर्शन किए. दर्शन के बाद मंदिर के सामने जलने वाली जोड़ा होलिका के पास लखमा अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे. होलिक दहन कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कथित तौर पर कुछ लोगों को पैसे दिए थे.
कवासी लखमा के पैसे बांटते हुए उनकी कथित तस्वीर वायरल हो गई. कवासी लखमा के पैसे बांटते हुए उनकी कथित तस्वीर वायरल होने के बाद मीडिया में छपी रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए बस्तर जिला प्रशासन ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना है और कवासी लखमा के साथ शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया.
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विजय शर्मा ने लखमा पर बोला हमला
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कवासी लखमा पर एफआईआर दर्ज होने को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, “उनकी परंपराएं पुरानी हैं. हमेशा कुछ गड़बड़ करते हैं फिर कानून को दोष देते हैं. ये होना नहीं चाहिए. जिस तरह से उन्होंने चुनाव को दूषित करने की कोशिश की है. ये गलत है नियम सबको मानना चाहिए, कानून सबको मानना चाहिए.”
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कवासी लखमा से घबरा गई है बीजेपी?
जगदलपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने दावा किया है कि बीजेपी कवासी लखमा के चुनावी मैदान में आने से घबरा गई है, इसीलिए एफआईआर दर्ज हुआ है. बीजेपी के किसी भी कार्यकर्ता ने लिखित में शिकायत नहीं दी है. चुनाव आयोग के जो आला अधिकारी हैं, डबल इंजन को खुश करने के लिए स्वतः ही अपने कर्मचारियों से आवेदन दिलवाते हैं और एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर देते हैं. मुझसे या कवासी लखमा जी से कोई पक्ष नहीं लिया गया. मीडिया की खबरों को आधार मानकर जिला प्रशासन ने मामला दर्ज किया है. इससे हम लोग डरने वाले नहीं हैं. बस्तर की जनता देख रही है कि डबल इंजन की सरकार किस तरह तानाशाही कर रही है.
सुशील मौर्य ने कहा कि होलिका दहन समिति ने दादी (कवासी लखमा) से सहयोग मांगा. तो दादी जी, भोले-भाले आदिवासी ने चढ़ावा चढ़ा दिया. वहां उन्होंने किसी से नहीं कहा कि कांग्रेस को वोट दो. ना ही उन्होंने पार्टी का प्रचार किया. उन्होंने सहयोग किया. लेकिन बीजेपी ने जो कुछ किया यह उनकी हताशा को दर्शाता है. बस्तर की जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी. बस्तर की जनता ने षड्यंत्र को कभी स्वीकार नहीं किया. उन्होंने षड्यंत्र का पर्दाफाश किया है.
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