अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस चुनाव जीतती है तो कौन बनेगा सीएम? क्या बोले बघेल
CM Bhupesh Baghel News- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर कांग्रेस सत्ता में दोबारा आती है तो…
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CM Bhupesh Baghel News- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों से पहले यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर कांग्रेस सत्ता में दोबारा आती है तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल पर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने बताया कि कौन इस सवाल का सही जवाब दे सकता है.
यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो क्या वह सीएम बने रहेंगे, बघेल ने कहा कि उनकी पार्टी का आलाकमान यह तय करेगा कि अगर कांग्रेस अगले महीने के विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता बरकरार रखती है तो वह सीएम बने रहेंगे या नहीं. पाटन सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले बघेल ने कहा, निर्णय पार्टी आलाकमान की ओर से लिया जाएगा और केवल वे ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं.
बता दें कि प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री टीएस सिंहदेव का भी नाम चर्चा में आता रहा है.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में नक्सलवाद, कथित घोटालों को लेकर भाजपा के आरोपों पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने राज्य में नक्सलवाद को रोकने में कोई भूमिका नहीं निभाई क्योंकि 2014 और 2018 के बीच पार्टी की “डबल इंजन” सरकार के तहत नक्सली हिंसा की घटनाएं बढ़ रही थीं, और उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तीन -विकास, विश्वास और सुरक्षा की आयामी रणनीति के परिणामस्वरूप माओवादियों को बैकफुट पर धकेल दिया गया.
उन्होंने कहा कि भाजपा हर चुनाव में धर्मांतरण और सांप्रदायिकता के मुद्दे उठाने की कोशिश करती है लेकिन छत्तीसगढ़ में वे इस हथकंडे का इस्तेमाल करने में सफल नहीं होंगे.
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कांग्रेस 7 और 17 नवंबर को होने वाले दो चरणों के चुनावों में छत्तीसगढ़ में लगातार दूसरी बार सत्ता बरकरार रखने का प्रयास कर रही है, जो कि बघेल की लोकप्रियता पर आधारित है, जिनकी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर महत्वपूर्ण पकड़ है.
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घोटालों के आरोपों पर क्या कहा?
अपनी सरकार के खिलाफ भाजपा की ओर से लगाए जा रहे घोटालों के आरोपों का खंडन करते हुए, सीएम ने इसको उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया और केंद्र पर प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “वे गोबर खरीद में 1,300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं. यह कैसे संभव हो सकता है क्योंकि अब तक 271 करोड़ रुपये का गोबर खरीदा गया है (गोधन न्याय योजना की शुरुआत से) और पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किया गया है …आप घोटालों के आरोप लगाते हैं, जो अवैध है.”
उन्होंने कहा, “वे शराब घोटाले और नकली होलोग्राम (शराब की बोतलों पर) के बारे में बात करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने (कथित शराब घोटाले के आरोपियों को) राहत दी है. नकली होलोग्राम कहां चिपकाया जाएगा? यह कारखानों में किया जाएगा. लेकिन वे ( ईडी) फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि अन्य को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसका मतलब है कि आप ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं.”
बघेल ने आगे कहा, “आप कहते हैं कि 2,161 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था. आप फैक्ट्री मालिकों को गिरफ्तार क्यों नहीं करते और उनसे पूछताछ क्यों नहीं करते? आप सिर्फ आधारहीन आरोप लगा रहे हैं. पहले आईटी और फिर ईडी ने छापे मारे और अब उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है और मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.” 62 वर्षीय नेता ने कहा कि वे तीन साल में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे. उनका इरादा सिर्फ परेशान करना है, न्याय सुनिश्चित करना नहीं… वे सिर्फ चुनाव को प्रभावित करने के लिए डराने की कोशिश कर रहे हैं.”
‘अमित शाह जी को पहले उन्हें उल्टा लटका देना चाहिए’
बघेल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी निदेशक को पत्र लिखकर पिछली रमन सिंह सरकार के तहत कथित चिटफंड घोटाले की जांच की मांग की थी, जो मनी लॉन्ड्रिंग का सबसे अच्छा मामला है, लेकिन कुछ नहीं किया गया.
उन्होंने दावा किया कि पनामा पेपर्स मामले में कथित तौर पर अभिषेक सिंह (पूर्व सांसद और रमन सिंह के बेटे) का नाम आया था.
बघेल ने राज्य में भाजपा के सत्ता में लौटने पर भ्रष्ट लोगों को उल्टा लटकाने की केंद्रीय गृह मंत्री की हालिया टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा, “अमित शाह जी को पहले उन्हें (सिंह को) उल्टा लटका देना चाहिए.”
‘नक्सलवाद को रोकने में केंद्र की कोई भूमिका नहीं’
बघेल ने कहा, “2014 और 2018 के बीच, छत्तीसगढ़ में डबल इंजन सरकार थी (रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार) जिसके दौरान नक्सल संबंधी घटनाएं बढ़ीं. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद (2018 में), उसने विकास की रणनीति लागू की, विश्वास और सुरक्षा जिसके परिणामस्वरूप नक्सलियों को बैकफुट पर जाना पड़ा. भाजपा की इसमें कोई भूमिका नहीं है. वे ही हैं जो भड़काते हैं. मणिपुर जल रहा है लेकिन वे वहां नहीं जा रहे हैं.”
सीएम का बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से कांग्रेस पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आया है. शाह ने कहा था कि मोदी सरकार के नौ साल के शासन में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 52 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने भाजपा सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ को इस समस्या से मुक्त करने का वादा किया है.
बघेल ने कहा, “हम केवल फोर्स के इस्तेमाल से नक्सलवाद से नहीं लड़ सकते. हमारे कार्यकाल में कोर इलाकों में पुलिस कैंप खोले गए. जो कैंप 2009 से लंबित थे, उन्हें स्थापित किया गया. हमारी सरकार में 90 कैंप खोले गए और लगभग 600 गांवों को नक्सलवाद खतरा से मुक्त कराया गया.” हमने (माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में) 300 स्कूल फिर से खोले. हमने हजारों किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई हैं. हमने लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने की कोशिश की है और कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं.”
जाति जनगणना पर क्या कहा?
जब बघेल से कहा गया कि एक तरफ कांग्रेस ओबीसी को लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें, एक मजबूत ओबीसी नेता को, अपने सीएम चेहरे के रूप में पेश नहीं कर रही है, तो बघेल ने कहा, “हमने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाला एक विधेयक पारित किया था. लेकिन यह राजभवन के पास लंबित है. राहुल गांधी जी ने कांग्रेस के सत्ता में वापस आने पर (छत्तीसगढ़ में) जाति जनगणना कराने का वादा किया है.”
उन्होंने कहा कि देश में जाति जनगणना के लिए माहौल बन रहा है, जिससे विभिन्न जातियों के वंचित लोगों को मदद मिलेगी- चाहे वह अनुसूचित जनजाति हो, अनुसूचित जाति हो, ओबीसी हो या उच्च वर्ग हो. जाति जनगणना के जरिए विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों की पहचान की जाएगी और सरकार उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाएगी.
जहां तक ओबीसी चेहरा पेश करने की बात है, राहुल गांधीजी की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीन ओबीसी अशोक गहलोत, सिद्धारमैया और उनके समेत समेत चार मुख्यमंत्री थे.
धान खरीदी को लेकर केंद्र पर झूठ बोलने का लगाया आरोप
बघेल ने भाजपा नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, ”वे (धान खरीद पर) झूठ बोलते हैं. चाहे वह यूपीए सरकार हो या एनडीए सरकार, वह राज्य सरकार थी जो धान खरीदती रही. पंजाब में, केवल भारतीय खाद्य निगम ही धान खरीदता है और हम इस कदम का स्वागत करते हैं यदि वे (केंद्र) आदेश जारी करते हैं कि एफसीआई अन्य राज्यों में भी ऐसा ही करेगी…पीएम मोदी और शाह झूठ बोल रहे हैं. वोट के लिए आप किस स्तर तक गिर रहे हैं?”
उन्होंने दावा किया कि अमित शाह ने गलत बयान दिया है कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट, जिसका हाल ही में पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था, का निजीकरण नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, “नगरनार स्टील प्लांट पीएम की अध्यक्षता वाली समिति की विनिवेश सूची में है. चुनाव को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने झूठा बयान दिया कि इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा, जो बस्तर के लोगों को पसंद नहीं आ रहा है.” उनका मानना है कि केवल कांग्रेस ही प्लांट को निजी हाथों में जाने से बचा सकती है, यही कारण है कि बस्तरवासी कांग्रेस का समर्थन करते हैं.”
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