परिवर्तन यात्रा: झीरम पर सियासत, सरोज पांडेय ने सीएम बघेल पर लगाए ये आरोप

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Chhattisgarh BJPs Parivartan Yatra- छत्तीसगढ़ में भाजपा की परिवर्तन यात्रा से पहले झीरम घाटी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल कांग्रेस का कहना है कि भाजपा अगर बस्तर से परिवर्तन यात्रा निकाल रही है तो सबसे पहले उन्हें झीरम घाटी जाना चाहिए, वहां की भूमि को नमन कर उन्हें परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करनी चाहिए. इसे लेकर अब भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने मंगलवार को पलटवार किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा है कि क्यों उन्होंने अपनी सरकार बनने के इतने साल बाद भी झीरम मामले को लेकर बात नहीं की.

दंतेवाड़ा में परिवर्तन यात्रा शुरु होने से पहले भाजपा नेता पांडेय ने कहा, “मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले कहा करते थे कि झीरम घाटी के आरोपों को मैं अपनी जेब में लेकर घूमता हूं, इसे मैं प्रमाणित कर दूंगा. आज पांच साल हो गए हैं लेकिन कभी इस विषय पर उन्होंने बात नहीं की. कहीं पर सरकार को घेरा नहीं. आज वो उस पर आरोप लगाते हैं. उन्हें आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है.”

बता दें कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने बीजेपी की परिवर्तन यात्रा को लेकर कहा था कि भाजपा अगर बस्तर से परिवर्तन यात्रा निकाल रही है तो सबसे पहले उन्हें झीरम घाटी जाना चाहिए. वहां की भूमि को नमन कर बीजेपी परिवर्तन यात्रा निकालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 15 साल में उन्हें छत्तीसगढ़ महतारी की याद नहीं आई. भाजपा के नेता आज छत्तीसगढ़ महतारी को याद कर रहे हैं. पीएम मोदी से भी छत्तीसगढ़ी में बुलवा रहे हैं.

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‘सीएम की निष्ठा संदिग्ध’

सरोज पांडेय ने आगे कहा, “मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि जो 15 मिनट में अपनी जेब से कागज का पुर्जा निकलने वाले थे वह कहां गया? पांच साल तक वह पुर्जा बाहर क्यों नहीं आया. उनकी खुद की निष्ठा संदिग्ध है. झीरम घाटी में मामले में उनके मौजूदा कांग्रेस नेता संदिग्ध हैं. कांग्रेस पार्टी इस बात को जानती है.”

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‘छत्तीसगढ़ में अवश्य होगा परिवर्तन’

वहीं परिवर्तन यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि माता दंतेश्वरी के आशीर्वाद से आज परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हो रही है. जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि परिवर्तन चाहिए. यह परिवर्तन कांग्रेस की सरकार से चाहिए. कांग्रेस ने जनता किए गए अपने 36 वादे पूरे नहीं किए. शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता जैसे तमाम वादों पर इन्होंने सिर्फ राजनीति की है. इन विषयों को लेकर हम जनता के बीच में जाने वाले हैं. यह परिवर्तन यात्रा सफल होगी और छत्तीसगढ़ में अवश्य परिवर्तन होगा.

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क्यों चर्चा में है झीरम?

विधानसभा चुनाव से पहले 25 मई साल 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में कांग्रेस की ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान माओवादियों ने पार्टी नेताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी सी शुक्ला सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अब भाजपा भी बस्तर इलाके से परिवर्तन यात्रा निकाल रही है. इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सुरक्षा को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

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(दंतेवाड़ा से रौनक शिवहरे की रिपोर्ट)

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