हिमंत के बयान पर हंगामा: असम सीएम ने अपने भाषण का किया बचाव, कांग्रेस ने बताया नियम तोड़ने का आदी
छत्तीसगढ़ के मंत्री मोहम्मद अकबर (Mohammed Akbar) के बारे में की गई टिप्पणी के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) को…
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छत्तीसगढ़ के मंत्री मोहम्मद अकबर (Mohammed Akbar) के बारे में की गई टिप्पणी के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) को चुनाव आयोग (EC) के कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद उन्होंने अपने बयान का बचाव किया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यह छत्तीसगढ़ के मंत्री मोहम्मद अकबर की “वैध आलोचना” थी. इससे पहले कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि ‘‘वह नियमों के उल्लंघन के आदी रहे हैं’’ और उम्मीद जताई कि आयोग इस मामले को ‘‘तार्किक अंजाम’’ तक ले जाएगा.
चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के प्रथम दृष्टया उल्लंघन के लिए गुरुवार को सरमा को कारण बताओ नोटिस भेजा और उनसे 30 अक्टूबर शाम तक जवाब देने को कहा.
सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस ने माननीय चुनाव आयोग से यह महत्वपूर्ण जानकारी छिपा ली है कि मोहम्मद अकबर कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र से उनके उम्मीदवार हैं. इसलिए किसी उम्मीदवार की वैध आलोचना सांप्रदायिक राजनीति नहीं है.”
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वरिष्ठ भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को अपने प्रतिनिधित्व में महत्वपूर्ण तथ्य का खुलासा नहीं करने का कानूनी परिणाम भुगतना होगा.
उन्होंने कहा,”मुझे माननीय चुनाव आयोग की बुद्धिमत्ता पर पूरा भरोसा है.”
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असम के मुख्यमंत्री ने यह बात कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही.
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जयराम रमेश ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कल, कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन आयोग का ध्यान सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं द्वारा गंभीर चुनावी कदाचार की ओर दिलाया. आयोग ने प्रथमदृष्टया असम के मुख्यमंत्री द्वारा 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में दिए गए घृणास्पद भाषण के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाया है.’’
रमेश ने कहा, ‘‘वह (सरमा) वास्तव में नियमों को तोड़ने के आदी रहे हैं. हमें उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग कार्रवाई करेगा और इस मामले को तार्किक अंजाम तक पहुंचाएगा.’’
सरमा ने दिया था ये बयान
सरमा ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अकबर पर निशाना साधते हुए यह टिप्पणी की थी.
18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक भाषण में, सरमा ने अकबर पर विवादास्पद कटाक्ष करते हुए कहा था कि “अगर अकबर को नहीं हटाया गया तो माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी।”
उन्होंने कहा था, “अगर एक अकबर कहीं आता है तो 100 अकबरों को बुलाता है. इसलिए जितनी जल्दी हो सके उसे विदा करो, नहीं तो माता कौशल्या की धरती अपवित्र हो जाएगी.”
माना जाता है कि भगवान राम की माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं.
कांग्रेस की शिकायत पर आयोग का नोटिस
कांग्रेस ने बुधवार को अकबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए सरमा के विरुद्ध चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. पार्टी ने आरोप लगाया था कि सरमा की टिप्पणी से समाज के वर्गों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का स्पष्ट इरादा दिखता है.
सरमा को नोटिस जारी करते हुए, चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक और भाषाई आधार पर तनाव पैदा कर सकता है. 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों – 7 और 17 नवंबर को होंगे.
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