महादेव ऐप मामले में मुकर गया असीम दास; सीएम बघेल के लिए बड़ी राहत?
Mahadev Betting App Case- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में गिरफ्तार आरोपी असीम दास (Aseem Das) ने विशेष अदालत में कहा…
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Mahadev Betting App Case- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में गिरफ्तार आरोपी असीम दास (Aseem Das) ने विशेष अदालत में कहा कि उसने कभी भी किसी नेता को धन नहीं पहुंचाया और उसे फंसाया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपों के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चौतरफा हमला बोला था. ईडी ने तीन नवंबर को दावा किया था कि दास के बयान से चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं. एजेंसी ने दास के हवाले से कहा कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है.
ईडी ने नकदी पहुंचाने के आरोप का सामना कर रहे असीम दास और पुलिस आरक्षक भीम सिंह यादव को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले तीन नवंबर को गिरफ्तार किया था. राज्य में सात और 17 नवंबर को विधानसभा के लिए वोटिंग हुई. मतगणना तीन दिसंबर को होगी.
दास के वकील शोएब अल्वी ने दास की ओर से ईडी के निदेशक को लिखी चिट्ठी को कोर्ट में प्रस्तुत किया. बता दें कि दास और यादव को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत सात दिन के लिए बढ़ा दी.
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अल्वी ने छत्तीसगढ़ Tak को बताया कि दास ने जेल से ईडी के निदेशक को एक पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया है कि उसे महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में फंसाया जा रहा है और केंद्रीय जांच एजेंसी ने उसे अंग्रेजी में लिखे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया जिस भाषा को वह नहीं समझता है.
वकील ने बताया कि उन्होंने अदालत से इस पत्र को इस मामले में रिकॉर्ड पर स्वीकार करने का आग्रह किया है.
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सुनें असीम दास के वकील ने क्या कहा?
दास की चिट्ठी में क्या है?
दास ने अपने पत्र में कहा है कि वह इस साल अक्टूबर में शुभम सोनी के बुलाए जाने के बाद दो बार दुबई गया था, जो उसके बचपन का दोस्त था. यात्रा की व्यवस्था सोनी ने की थी. ईडी के मुताबिक, सोनी महादेव नेटवर्क के मुख्य आरोपियों में से एक है. दास ने पत्र में कहा है कि सोनी छत्तीसगढ़ में एक निर्माण व्यवसाय शुरू करना चाहता था और उसने उसे (दास को) अपने लिए काम करने कहा था. सोनी ने दास को धन की व्यवस्था करने का वादा किया था.
अल्वी के अनुसार, ‘‘उस दिन (जब दास को गिरफ्तार किया गया था) उसे (दास को) रायपुर विमानतल की पार्किंग में खड़ी एक कार लेने और रायपुर के वीआईपी रोड पर स्थित एक होटल में जाने के लिए कहा गया था. बाद में उसे कार को सड़क पर पार्क करने के लिए कहा गया, जहां एक व्यक्ति ने नकदी से भरा बैग कार में रखा और चला गया.’’
‘मुझे फंसाया जा रहा है…’
दास ने पत्र में कहा है, ‘‘मुझे फोन पर अपने होटल के कमरे में वापस जाने के लिए कहा गया और कुछ ही देर में ईडी के अधिकारी मेरे कमरे में आए और मुझे अपने साथ ले गए. बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे फंसाया जा रहा है.’’ असीम दास ने कहा है, ”मैंने कभी भी किसी नेता या कार्यकर्ता को धन या कोई अन्य सहायता नहीं दी है.”
क्या है ईडी का दावा?
ईडी ने तीन नवंबर को दावा किया था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और कैश पहुंचाने के आरोपी असीम दास के दिए गए एक बयान से ‘चौंकाने वाले आरोप’ सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है. हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने आरोप से इनकार किया था और भाजपा पर विधानसभा चुनाव में हार की आशंका में ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत स्थानीय नेता भी सीएम बघेल को इस मुद्दे पर घेरते रहे हैं. लेकिन अब दास के नए दावे से सीएम बघेल को राहत मिलती नजर आ रही है.
(रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट)
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