कड़े मुकाबले में फंसेगी ये सीट! बीजेपी नेता की प्रतिष्ठा का सवाल; कांग्रेस करेगी कमाल?

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बीजेपी की रैली/ साभार- सीएम साय- एक्स
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Korba Lok Sabha seat-  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में कोरबा लोकसभा सीट को इस समय सबसे ज्यादा हाई प्रोफाइल सीट के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि इस सीट से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय (Saroj Pandey) भाजपा प्रत्याशी हैं और कांग्रेस से प्रदेश के कद्दावर नेता वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत की पत्नी और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत (Jyotsna Mahant) दोबारा कोरबा से उम्मीदवार हैं.

कोरबा लोकसभा सीट को लेकर दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से पूरा दमखम लगा दिया गया है. भाजपा और कांग्रेस की दोनों महिला नेत्रियों की तरफ से चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने सारे दांव-पेंच अपनाये जा रहे हैं.

 

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ये इलाका बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती

कोरबा लोकसभा में मनेंद्रगढ़ विधानसभा के अंतर्गत खड़गवां क्षेत्र में आदिवासी बाहुल्य इलाके के रूप में जाना जाता है और यहां भाजपा के कद्दावर नेता व मंत्री खड़गवां विकासखण्ड में ही निवास करते हैं . खड़गवां एक ऐसा क्षेत्र है जहां से भाजपा किसी भी चुनाव में  कभी लीड करती नजर नही आई. अपने ही विकासखण्ड खड़गवां में हर बार वर्तमान मंत्री श्यामबिहारी को बढ़त नहीं मिल पाई है. अब देखना यह होगा कि इस लोकसभा चुनाव में क्या खड़गवां का मिथक टूटता है या फिर खड़गवां की जनता के बीच मे मंत्री जी अपनी शाख बचा पाएंगे. क्योंकि लगातार कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा बना हुआ है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरबा सीट जीतने के लिये इस क्षेत्र से श्यामबिहारी जायसवाल को मंत्री बना कर एक बड़ा दांव जरूर खेला है.

 

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पहली बार महिला बनाम महिला

छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक कोरबा निर्वाचन क्षेत्र की बात की जाए तो यहां लगातार किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है. कोरबा सीट पर तीन बार आम चुनाव हुए हैं और अब 2024 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव होना है. यहां से वर्तमान में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद हैं. पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है. उन्हें दोबारा टिकट दिया गया है. अब वो बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय के सामने चुनावी रण में उतरेंगी. यहां से संभवत: पहली बार महिला प्रत्याशी के खिलाफ महिला प्रत्याशी टक्कर देती नजर आएगी. पहली बार सरोज पांडे, दुर्ग की जगह इस बार कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

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ज्योत्सना महंत का सियासी सफर

सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत एमएससी (प्राणी शास्त्र) की शिक्षा प्राप्त की हैं. 25 वर्षों से वो जनसेवा के कार्य में लगी हैं और राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया है. वे अपने ससुर और छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्रदृष्टा दिवंगत बिसाहू दास महंत और पति छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत को अपना राजनैतिक आदर्श और प्रेरणास्त्रोत मानती हैं. 17वीं लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट से साल 2019 में चुनाव लड़कर ज्योत्सना महंत ने मोदी लहर के बावजूद जीत हासिल की थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से कांग्रेस ने सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें से एक ज्योत्सना महंत थीं. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नंद दुबे को चुनाव में हराया था.

 

सरोज पांडेय का सियासी सफर

सरोज पांडेय ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत भाजपा सदस्य के रूप में की थीं. सरोज पांडेय पहली बार साल साल 2000 में भिलाई नगर निगम से महापौर बनी थीं. इसके बाद वह दूसरी बार साल 2005 में भिलाई नगर निगम से ही महापौर रहीं. फिर सरोज पांडेय साल 2008 में वैशाली नगर निगम से पहली बार विधायक चुनी गईं. विधायक बनने के बाद साल 2009 में सरोज पांडेय को बीजेपी ने लोकसभा का टिकट दिया. सरोज पांडेय दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद रही हैं. साल 2013 में सरोज पांडेय को बीजेपी ने महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद साल 2014 में बीजेपी ने दुर्ग लोकसभा सीट से सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के तमराज साहू से चुनाव हार गईं. इसके बाद सरोज पांडेय को साल 2018 में छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बनाया गया. अब राज्यसभा सांसद का कार्यकाल खत्म होने के बाद बीजेपी ने पार्टी नेता सरोज पांडेय को कोरबा लोकसभा सीट से साल 2024 के चुनाव में प्रत्याशी बनाया है.

 

कोरबा सीट का चुनावी इतिहास

कोरबा लोकसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. इसकी स्थापना परिसीमन के दौरान 2008 में हुई थी. इससे पहले जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत यह सीट समाहित थी. इस सीट पर 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ था. कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कोरबा जिले की चार जीपीएम जिले की एक विधानसभा और अविभाजित कोरिया जिले की तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं. फिलहाल इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.

बता दें कि साल 2009 में कांग्रेस के दिग्गज नेता चरणदास महंत ने यहां से चुनाव जीता. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी करुणा शुक्ला को शिकस्त दी थी. इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में चरणदास महंत को बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने शिकस्त दी थी. लेकिन फिर 2019 के चुनाव में चरणदास महंत ने अपनी धर्मपत्नी ज्योत्सना चरणदास महंत को चुनाव मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने बीजेपी के ज्योति नंदन दुबे को हराया था.

दोनों पार्टियों ने झोंकी ताकत

कोरबा लोकसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस अब चुनावी रणनीति बनाने में लग गई है वहीं कांग्रेस से चरणदास महंत ने मोर्चा संभालते हुए क्षेत्र में प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी लेते हुए लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे है और पुराने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क बनाए हुए है वहीं भाजपा भी लगातार जनसम्पर्क में है, जो कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क बना कर चुनावी रणनीति बना रही है वही अब देखना होगा कि भाजपा व कांग्रेस को कितनी सफलता मिलती है.

 

कोरबा में कब है चुनाव?

चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे. वहीं, छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होगी. राज्य में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा. छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल को 1 सीट पर, 26 अप्रैल को 3 सीट पर और 7 मई को 7 सीटों पर चुनाव होंगे. 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होगा, तो वहीं 26 अप्रैल को राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर में वोटिंग होगी. 7 मई को सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में मतदान किया जाएगा. 4 जून को नतीजे आएंगे.

(धीरज विश्वकर्मा की रिपोर्ट)

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