छत्तीसगढ़ चुनाव: नौ विधायकों का क्यों कटा टिकट? यहां जानें असली वजह

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Chhattisgarh Elections 2023-  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपने 30 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. जबकि भाजपा की ओर से अब तक 85 प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं. इस बीच दोनों ही दलों से नौ मौजूदा विधायकों का टिकट काटा गया है. कांग्रेस ने आठ विधायकों को तो भाजपा ने अपने एक विधायक को इस बार अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है. मौजूदा विधायकों के टिकट काटने के पीछे की वजह क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी के साथ-साथ पार्टी नेताओं से तालमेल में कमी को बताई जा रही है.

भाजपा ने वर्तमान 13 विधायकों में सिर्फ एक विधायक का टिकट काटा है जबकि एक विधानसभा जिसमें भाजपा विधायक काबिज है वहां से प्रत्याशी घोषित करना बाकी है. भाजपा ने बिंद्रा नवागढ़ से डमरूधर पुजारी का टिकट काटकर गोवर्धन राम मांझी को प्रत्याशी बनाया है.

वहीं कांग्रेस की बात करें तो आठ सीटों पर उन्होंने मौजूदा विधायक की जगह दूसरे नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है. नवागढ़ से गुरु दयाल सिंह बंजारे की जगह मंत्री गुरु रुद्र प्रत्याशी बनाया गया है. दंतेवाड़ा से देवती कर्मा के बदले उनके पुत्र छबिंद्र कर्मा को उतारा गया है. पंडरिया से ममता चंद्राकर के स्थान पर नीलकंठ चंद्रवंशी, डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर सिंह बघेल की जगह हर्षिता स्वामी बघेल, खुज्जी में छन्नी साहू की जगह भोला राम साहू को टिकट दिया गया है. जबकि अंतागढ़ से अनूप नाग के बदले रूप सिंह पोटाई को मौका दिया गया है. साथ ही चित्रकोट से विधायक राजमन बेंजाम की जगह सांसद दीपक बैज चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे.

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अंतागढ़– यहां से अनूप नाग विधायक हैं जिनका टिकट काटा गया है. अनूप नाग पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर होने के बाद कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे. उनके टिकट काटने के पीछे जो कारण माना जा रहा है, इसमें बंग समाज में उनके खिलाफ नाराजगी की बात प्रमुख है. यह समाज खुलकर इनका विरोध कर रहा था. अंतागढ़ में करीब 30% मतदाता इस समाज से हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि अनूप नाग विधायक तो बन गए लेकिन स्वभाव में अधिकारी वाले रौब में परिवर्तन नहीं लाना भी कार्यकर्ताओं के बीच नाराजगी उत्पन्न करने का कारण बना.

 

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कांकेर:  यहां कांग्रेस ने अपने विधायक शिशुपाल सोरी का टिकट काट कर शंकर ध्रुव को प्रत्याशी बनाया है. शिशुपाल सोरी रिटायर आईएएस अधिकारी हैं. पिछली बार कांकेर से पहली बार विधायक चुनकर आए. उनके टिकट काटने की पीछे उनकी बढ़ती उम्र और लगातार अस्वस्थ रहना बड़ी वजह है.

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दंतेवाड़ा: यहां से कांग्रेस ने विधायक देवती कर्मा का टिकट काटकर छविंद्र महेंद्र कर्मा को प्रत्याशी बनाया है. छविंद्र कर्मा देवती कर्मा के पुत्र हैं. 2018 के चुनाव में दोनों के बीच टिकट को लेकर खींचतान भी सामने आई थी. लेकिन 2018 में पार्टी ने देवती कर्मा को उम्मीदवार बनाया लेकिन उन्हें हार मिली. हालांकि उपचुनाव में देवती कर्मा विधायक बनीं और अब बढ़ती उम्र और पारिवारिक राजनीति सफर जारी रहे इसलिए पार्टी ने उनके स्थान पर पुत्र को टिकट देना ज्यादा उचित समझा.

 

पंडरिया: इस विधानसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक ममता चंद्राकर का टिकट काटकर नीलकंठ चंद्रवंशी को प्रत्याशी बनाया है. क्षेत्र में कम सक्रियता और एंटी-इनकंबेंसी को कारण माना जा रहा है. इसके साथ ही सरकारी नौकरी में पति के होने के बावजूद क्षेत्र में उनके हस्तक्षेप से कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों में नाराजगी थी.

 

नवागढ़: इस सीट से विधायक गुरु दयाल बंजारे का टिकट काटकर कांग्रेस ने अपने मंत्री गुरु रुद्र कुमार को यहां से प्रत्याशी बनाया है. मंत्री गुरु रुद्र कुमार की सीट बदलना ही मौजूदा विधायक के टिकट काटने का कारण माना जा रहा है. साथ ही कई सर्वे में यह भी जानकारी मिली कि क्षेत्र में उनके प्रति अंसतोष भी है.

 

डोंगरगढ़: इस सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक भुवनेश्वर शिवराम बघेल का टिकट काटकर हर्षिता बघेल को यहां से उम्मीदवार बनाया है.  टिकट काटने की वजह क्षेत्र में कार्यकर्ताओं की नाराजगी को माना जा रहा है. इसके साथ ही महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाने के लिए भी हर्षिता बघेल को उम्मीदवार बनाया गया और भुवनेश्वर का टिकट काटा गया.

 

चित्रक: कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक राजवंत बेंजाम को टिकट न देकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को प्रत्याशी बनाया है. चित्रकोट से 2018 में विधायक बनने के बाद दीपक बैज लोकसभा का चुनाव लड़े थे. इसके बाद यह सीट खाली हुई थी यहां उपचुनाव में राजमन बेंजाम विधायक बने थे. 2023 के चुनाव में दीपक बैज ने चित्रकोट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, जिसके बाद उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया गया.

 

खुज्जी: इस विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सिटिंग एमएलए छन्नी साहू का नाम काटकर भोलाराम साहू को अपना प्रत्याशी बनाया है. पार्टी के सर्वे में क्षेत्र में नाराजगी, कार्यकर्ताओं से दूरी, बढ़ती उम्र उनके टिकट काटने का कारण माना जा रहा है.

 

बिंद्रानवागढ़: भाजपा ने अपने 85 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिसमें वर्तमान में 13 काबिज विधायकों में सिर्फ एक विधायक का टिकट कटा है. जबकि एक विधानसभा क्षेत्र का टिकट रोक कर रखा है. बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक डमरूधर पुजारी का टिकट काटकर गोवर्धन मांझी को प्रत्याशी बनाया है. उनके टिकट काटने के पीछे यहां भी भाजपा विधायक के प्रति नाराजगी और पार्टी की ओर से द्वारा कराए सर्वे में स्थिति कमजोर होना बड़ा कारण है.

जबकि बेलतरा विधानसभा सीट से रजनीश सिंह भाजपा के विधायक हैं, फिलहाल भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.

(रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट)

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