छत्तीसगढ़ चुनाव: 60 हजार से ज्यादा जवानों के कंधे पर बस्तर का चुनाव, चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती

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Bastar Elections- छत्तीसगढ़ में पहले चरण के विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों पर आगामी 7 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए 2,943 मतदान केंद्र तय किए गए हैं. 2,943 केंद्रों में से 1254 ऐसे केंद्र हैं जिन्हें संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. इन केंद्रों में चुनाव करवाना चुनाव आयोग के साथ ही पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. संवेदनशील केंद्रों के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जा रही है.

इन केंद्रों के लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सुरक्षा ऐसी हो कि यहां परिंदा भी पर ना मार पाए. दरअसल, संवेदनशील केंद्रों में नक्सलियों का प्रभाव है और उन्होंने चुनाव के बहिष्कार का पहले ही ऐलान कर दिया है. चुनाव को वे प्रभावित ना कर पाएं और बिना भय के ग्रामीण वोटर वोट डाल पाएं इसलिए सुरक्षित माहौल तैयार करने में निर्वाचन आयोग जुट चुका है. बस्तर पुलिस की माने तो सवेंदनशील केन्द्रों के आसपास लगातार सर्चिंग की जा रही है. फ़ोर्स ने मतदान केंद्रों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है. बस्तर में ऐसे 148 अतिसवेंदनशील केंद्र भी है जहां मतदान कर्मी हेलीकॉप्टर से भेजे जायेगें.

 

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ड्रोन से हो रही संवेदशील क्षेत्र की स्कैनिंग

बस्तर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, संभाग के संवेदनशील क्षेत्रों में चुनाव को देखते हुए विशेष ड्रोन से निगरानी की जा रही है. ड्रोन लगातार क्षेत्र की स्कैनिंग कर रिपोर्ट दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान फोर्स की बढ़ती संख्या और दबाव की वजह से नक्सली अब अपने प्रभाव क्षेत्र से दूर हो रहे हैं. वे ग्रामीणों में मिलकर चुनाव को दूर से ही देख रह हैं. पुलिस भी दावा कर रही है कि चुनाव के दौरान नक्सली कुछ खास नहीं कर पाएंगे. पुलिस अपनी तैयारी पूरी बता रही है.

 

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तर्रेम में होगा मतदान

साल 2021 में बीजापुर के तर्रेम में एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे.इस दौरान एक जवान राकेश कुमार मन्हास का नक्सलियों ने अपहरण भी कर लिया था.इस गांव में पहली बार मतदान केंद्र की स्थापना हुई. यहां पर चिन्नागेलूर, पेद्दागेलूर सहित अन्य गांव के लोग मतदान करेंगे.

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60 हजार से ज्यादा जवान देंगे सुरक्षा

बस्तर पुलिस के मुताबिक, इस बार के चुनाव में 60 हजार से ज्यादा अर्धसैनिक बल के जवान सुरक्षा देने जा रहे हैं. इन जवानों में 20 हजार जवान बाहर से बुलाए गए हैं.बाकी जवान स्थानीय हैं. सीआरपीएफ के अलावा बस्तर की लोकल पुलिस की सुरक्षा में अहम भूमिका होगी.

 

सबसे ज्यादा सवेंदनशील केंद्र

बस्तर में सबसे ज्यादा संवेदनशील केंद्रों की जो सूची निर्वाचन आयोग ने जारी की है उसके अनुसार बीजापुर और सुकमा जिलों में सबसे ज्यादा संवेदनशील केंद्र हैं. इन जिलों में बीजापुर और कोंटा सीट के लिए मतदान किया जाएगा. सुकमा में लगभग साढ़े तीन सौ और बीजापुर में दो सौ से ज्यादा केंद्र तय किये गये हैं. इसके बाद नारायणपुर और कांकेर जिले में संवेदनशील केंद्र हैं. संभागीय मुख्यालय के आसपास चांदामेटा, दरभा जैसे गांवों में बन रहे केंद्र को संवेदनशील माना गया.

 

चप्पे चप्पे पर होंगें जवान

संवेदनशील मतदान केंद्रों के आसपास जवानों का विशेष घेरा होगा जो कि मतदान केंद्र को सुरक्षा उपलब्ध करवाएगा. संवेदनशील केंद्रों के आसपास खुले फोर्स के कैंप से सुरक्षा व्यवस्था की सतत मॉनिटरिंग की जाएगी. संवेदनशील केंद्रों तक फोर्स की रोड ओपनिंग पार्टी जाएगी. इसके बाद ही मतदान दल को केंद्र तक छोड़ा जाएगा. सुरक्षित रास्ता मिलने पर ही मतदान दल आगे बढ़ेगा और फिर ग्रामीण भी वोट डालने आगे जाएंगे.

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