Chhattisgarh Elections: चल गया BJP का दांव, हारे हुए चेहरों ने पलट दी बाजी!

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Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों का इंतजार है. तीन दिसंबर को यह साफ हो जाएगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ही दल जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन जिसका दांव सबसे सटीक चला वही मैदान मारेगा. बात जब रणनीति और दांव की है तो बीजेपी ने इस बार राज्य में बहुतेरे प्रयोग किए हैं. यहां तक कि भगवा पार्टी ने साल 2018 में हारे हुए दिग्गजों को भी इस बार मौका दिया. जानकारों के अनुसार, इनमें से कई चेहरे मजबूत स्थिति में भी हैं.

भाजपा के जो उम्मीदवार 2018 में हार गए थे उनमें श्याम बिहारी जायसवाल (मनेंद्रगढ़), भैयालाल राजवाड़े (बैकुंठपुर), रामदयाल उइके (पाली-तानाखार-एसटी), केदार कश्यप (नारायणपुर-एसटी) ), महेश गागड़ा (बीजापुर-एसटी), प्रेम प्रकाश पांडे (भिलाई नगर), दयालदास बघेल (नवागढ़-एससी), राजेश मूणत (रायपुर पश्चिम), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़-एसटी), अमर अग्रवाल (बिलासपुर) और संयोगिता सिंह जूदेव (चंद्रपुर) के नाम प्रमुख हैं. संयोगिता जूदेव पूर्व विधायक स्वर्गीय युद्धवीर सिंह जूदेव की पत्नी हैं, जो भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव के बेटे थे.

2018 में पाटन से मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के हाथों हार का सामना करने वाले भाजपा नेता मोतीलाल साहू को इस बार रायपुर ग्रामीण से मैदान में उतारा गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख विष्णु देव साय को कुनकुरी (एसटी) से टिकट मिला.

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वीडियो: देखें बीजेपी के हारे हुए चेहरों का क्या है हाल…

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ओपी चौधरी पर ‘बड़ा’ भरोसा!

पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी, जो खरसिया से पिछला चुनाव हार गए थे, उनको रायगढ़ से बीजेपी ने मौका दिया. इतना ही नहीं खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से अपील की कि वे उनको जीताकर भेजें चौधरी को वे बड़ा आदमी बनाएंगे. माना जा रहा है कि रायगढ़ में चौधरी की स्थिति काफी मजबूत है. वहीं संपत अग्रवाल, जो पांच साल पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे अब बसना से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

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मतदान खत्म, रिजल्ट का इंतजार…

विधानसभा चुनाव के लिए  7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है. अब नतीजों के लिए 3 दिसंबर का इंतजार है. 90 सीटों के लिए हुए मतदान में 76.31 प्रतिशत वोटिंग हुई. यह मतदान 2018 विधानसभा चुनाव में दर्ज 76.88 प्रतिशत मतदान प्रतिशत से थोड़ा कम है. बता दें कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है.

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