भाजपा की दूसरी लिस्ट: हारे हुए उम्मीदवारों को दोबारा मौका; इन 24 नेताओं पर है पार्टी को भरोसा

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Chhattisgarh BJPs second list- छत्तीसगढ़ में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) में जीत सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदें पुराने नेताओं पर टिकी हैं. दूसरी लिस्ट इस बात की तस्दीक कर रही है क्योंकि पार्टी ने 11 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है और 2018 के चुनावों में हारने वाले 13 नेताओं पर फिर से भरोसा जताया है.

चुनाव आयोग की ओर से छत्तीसगढ़ और चार अन्य राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के कुछ घंटों बाद भाजपा ने सोमवार को 64 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की. नक्सल प्रभावित राज्य में 90 सदस्यीय नई विधानसभा के चुनाव के लिए 7 नवंबर (20 सीटें) और 17 नवंबर (70 सीटें) को दो चरणों में मतदान होगा.

इसके साथ, भगवा पार्टी ने अब तक 85 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और केवल पांच उम्मीदवारों के नाम बाकी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अपनी पारंपरिक राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण प्रसाद चंदेल को उनकी वर्तमान सीट जांजगीर-चांपा से फिर से उम्मीदवार बनाया गया है. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी फिल्मस्टार अनुज शर्मा को रायपुर जिले के धरसींवा से मैदान में उतारा गया है.

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पुराने चेहरों पर बड़ा दांव

जिन विधायकों का नाम बरकरार रखा गया है उनमें बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), पुन्नूलाल मोहले (मुंगेली-एससी), ननकीराम कंवर (रामपुर-एसटी), धरमलाल कौशिक (बिल्हा), डॉ कृष्णमूर्ति बांधी (मस्तूरी-एससी), सौरभ सिंह (अकलतरा)), शिवरतन शर्मा (भाटापारा), अजय चंद्राकर (कुरुद) और राजन दीपेंद्र साहू (धमतरी) शामिल हैं.

भाजपा के जो उम्मीदवार 2018 में हार गए थे, लेकिन पार्टी ने इस बार भी जिन पर भरोसा जताया है वे श्याम बिहारी जायसवाल (मनेंद्रगढ़), भैयालाल राजवाड़े (बैकुंठपुर), रामदयाल उइके (पाली-तानाखार-एसटी), केदार कश्यप (नारायणपुर-एसटी) ), महेश गागड़ा (बीजापुर-एसटी), प्रेम प्रकाश पांडे (भिलाई नगर), दयालदास बघेल (नवागढ़-एससी), राजेश मूणत (रायपुर पश्चिम), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़-एसटी), अमर अग्रवाल (बिलासपुर) और संयोगिता सिंह जूदेव (चंद्रपुर) हैं.

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संयोगिता जूदेव पूर्व विधायक स्वर्गीय युद्धवीर सिंह जूदेव की पत्नी हैं, जो भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव के बेटे थे. भाजपा नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के एक और बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा से मैदान में उतारा गया है.

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इसके अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी, जो खरसिया से पिछला चुनाव हार गए थे, उनको रायगढ़ से मैदान में उतारा गया है, जबकि संपत अग्रवाल, जो पांच साल पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे अब बसना से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

2018 में पाटन से मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के हाथों हार का सामना करने वाले भाजपा नेता मोतीलाल साहू को इस बार रायपुर ग्रामीण से मैदान में उतारा गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख विष्णु देव साय को कुनकुरी (एसटी) से मैदान में उतारा गया है.

साजा से ईश्वर साहू को टिकट

भाजपा सदस्य ईश्वर साहू, जिनके बेटे की इस साल अप्रैल में बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक झड़प में मौत हो गई थी, इनका नाम भी उम्मीदवारों की सूची में है.

पुजारी को इनकार, धर्मजीत का स्वागत

मुख्य विपक्षी दल ने एक मौजूदा विधायक डमरूधर पुजारी (बिंदरानवागढ़-एसटी आरक्षित) को टिकट देने से इनकार कर दिया है और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) विधायक धर्मजीत सिंह को तखतपुर से मैदान में उतारा है, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे.  सिंह वर्तमान में लोरमी से विधायक हैं, जहां भाजपा ने अपने राज्य इकाई अध्यक्ष अरुण साव को मैदान में उतारा है. सूची में तीन सांसद और दो पूर्व आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं, जिसमें 20 से अधिक नए चेहरे और नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. भाजपा ने जिन 64 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से 19 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और नौ सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं.

चुनावी मैदान में तीन सांसद

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव को लोरमी से, सरगुजा से सांसद रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत (एसटी आरक्षित) से और रायगढ़ से लोकसभा सदस्य गोमती साय को पत्थलगांव (एसटी) से मैदान में उतारा गया है.

2018 में 15 पर सिमट गई थी भाजपा

2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा 15 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. पूर्व सीएम दिवंगत अजीत जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को पांच सीटें मिलीं और उसके सहयोगी दल बहुजन समाज को पांच सीटें मिलीं. पार्टी (बसपा) ने दो क्षेत्रों में जीत हासिल की थी. सत्तारूढ़ पार्टी ने 2018 के बाद पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में जीत के साथ राज्य में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है. वर्तमान में कांग्रेस की संख्या 71 है. सदन में वर्तमान में विपक्षी भाजपा के पास 13 सीटें, जेसीसी (जे) के पास 3 और बसपा के पास 2 सीटें हैं. एक सीट फिलहाल खाली है.

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