भाजपा की परिवर्तन यात्रा: जानिए, उस बस की कहानी जिसे अमित शाह दिखाएंगे हरी झंडी

ChhattisgarhTak

ADVERTISEMENT

ChhattisgarhTak
social share
google news

BJPs Parivartan Yatra in Chhattisgarh- छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा मंगलवार को प्रदेश में अपनी ‘परिवर्तन यात्रा’ शुरू करेगी. इसका लक्ष्य कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने और केंद्र की जन कल्याण योजनाओं, नीतियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए कुल 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 87 को कवर करना है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दंतेवाड़ा (दक्षिण छत्तीसगढ़) में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और उसके बाद वहां एक सार्वजनिक रैली करेंगे. वहीं दूसरी ‘परिवर्तन यात्रा’ को 15 सितंबर को जशपुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे.

इस बीच इस परिवर्तन यात्रा में इस्तेमाल होने वाली खास बस की भी चर्चा हो रही है. रायपुर में पार्टी मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय महासचिव (संगठन) अजय जामवाल और प्रदेश महासचिव (संगठन) पवन साई ने सोमवार को पार्टी के राज्य में यात्रा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बस और वाहनों की पूजा की.

ADVERTISEMENT

क्यों खास है यह बस?

एक तरफ जहां यह बस अपनी खास तरह की बनावट और इसमें उपलब्ध  सुविधाओं को लेकर सुर्खियों में है, वहीं इसका सियासी इतिहास भी इसे और विशेष बनाता है. राज्य भाजपा की संचार शाखा के एक सदस्य ने कहा कि यह वही हाई-टेक बस है जिसका इस्तेमाल भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में अपनी ‘विकास यात्रा’ के लिए किया था, जब पार्टी सत्ता में थी.

उन्होंने कहा, बस यात्रा के दौरान सभाओं को संबोधित करने के लिए नेताओं के लिए अन्य आधुनिक सुविधाओं के अलावा सीसीटीवी कैमरे, एक एलईडी स्क्रीन और एक हाइड्रोलिक लिफ्ट से सुसज्जित है.

ADVERTISEMENT

नीचे नीली और हरी धारियों वाली भगवा रंग की बस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नड्डा, राज्य भाजपा प्रमुख अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल और तीन महिला नेताओं – केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे और लता उसेंडी की तस्वीरें हैं.

ADVERTISEMENT

इसमें पृष्ठभूमि में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरें भी हैं और मानचित्र पर ‘छत्तीसगढ़ महतारी’ (परंपरागत रूप से हरे रंग की साड़ी पहने और हाथों में धान का गुच्छा और हंसिया पकड़े हुए एक पूजनीय मां की छवि) की तस्वीर प्रमुखता से प्रदर्शित की गई है.

क्या है यात्रा का उद्देश्य?

पत्रकारों से बात करते हुए, माथुर ने कहा कि जन जागरूकता बढ़ाने और कांग्रेस सरकार के “भ्रष्टाचार” को उजागर करने के लिए क्रमशः 12 सितंबर और 15 सितंबर को दंतेवाड़ा और जशपुर से दो परिवर्तन यात्राएं निकाली जाएंगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि यह यात्रा छत्तीसगढ़ में एक नया इतिहास रचेगी.”हम लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी अवगत कराएंगे और केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बैठकें करेंगे.”

 

इन इलाकों को कवर करेगी यात्रा

राज्य भाजपा प्रमुख अरुण साव ने पिछले सप्ताह कहा था कि पहली यात्रा 16 दिनों में बस्तर, दुर्ग और रायपुर संभागों से होकर 1,728 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जबकि दूसरी यात्रा बिलासपुर और सरगुजा संभागों में 13 दिनों में 1,261 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यात्राएं, जिसमें 84 सार्वजनिक बैठकें, 85 स्वागत सभाएं और सात रोड शो होंगे, 87 विधानसभा क्षेत्रों (कुल 90 में से) में 2,989 किमी की दूरी तय करने के बाद उसी दिन बिलासपुर में समाप्त होंगी. उन्होंने कहा कि समापन समारोह में पीएम मोदी के शामिल होने की उम्मीद है.  उन्होंने बताया कि बीजापुर, सुकमा और अंतागढ़ के माओवाद प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों को यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन जब यात्रा आसपास के निर्वाचन क्षेत्रों से गुजरेगी तो इन निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को इसमें शामिल किया जाएगा. यात्राओं में केंद्र और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

 

आदिवासियों को साधने की कवायद

जानकारों का मानना है कि भाजपा की नजर 32 फीसदी आदिवासी आबादी पर प्रमुखता से है. इसीलिए इस यात्रा की शुरुआत भी बस्तर और सरगुजा क्षेत्र से की जा रही है. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने रमन सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली भाजपा को करारी मात दी थी. कांग्रेस ने 68 विधानसभा सीटें जीतीं और भाजपा को सिर्फ 15 सीटें मिलीं. इस बार भाजपा पहले के मुकाबले ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रही है. पिछले महीने, भाजपा ने उन 21 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. जबकि चुनाव आयोग ने अभी तक इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है.

इसे भी पढ़ें: भाजपा ने परिवर्तन यात्रा की शुरुआत के लिए बस्तर और सरगुजा को क्यों चुना?

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT