Independence Day: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फहराया तिरंगा, प्रदेशवासियों को दी बधाई; जानें क्या कहा

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Independence Day in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मंगलवार को देश की आजादी की 76 वीं वर्षगांठ पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया. इस दौरान सीएम बघेल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं दी. ध्वजारोहण के बाद सीएम बघेल ने परेड की सलामी ली. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला. वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायों से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी. जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया. उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भारतवासियों के एकता की स्याही से लिखा गया है. आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी. इसमें छत्तीसगढ़ का नाम अग्रिम पंक्ति में दर्ज कराने वाले अमर शहीद गेंद सिंह, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान सपूतों का पावन स्मरण करते हुए मैं सभी अमर शहीदों को नमन करता हूं.

उन्होंने कहा कि देश की आजादी और संविधान प्रदत्त अधिकार सब के लिए है और जब तक सब भारतवासी उनका समुचित उपयोग कर पाएंगे, तभी तक हमारी आजादी सुरक्षित रह पाएगी. एक राज्य भी यदि संकट में है तो यह उस राज्य की निजी समस्या नहीं है बल्कि पूरे देश का चिंता का विषय है. उन्होंने कहा,  “आज मैं संकटग्रस्त सभी राज्यों की चिंताओं में छत्तीसगढ़ की सहभागिता व्यक्त करता हूं.”

परेड की ली सलामी

संबोधन से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली. इस दौरान सभी प्लाटून कमांडरों की अगुवाई में जवानों ने बेहतरीन समन्वय के साथ लिया परेड में भाग.

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प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

सीएम बघेल देश की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि पुरखों के कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान से हमें आजादी मिली है. आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन सभी अनाम योद्धाओं, शहीदों और वीर जवानों को नमन है, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया. उन्होंने कहा,  “हमारे पूर्वजों के कठिन परिश्रम और दूरदृष्टि का परिणाम है कि अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत आज पूरे विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है.”

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