Chhattisgarh Tourism: गर्मियों में मनाना चाहते हैं पिकनिक? ये 5 जगह है बेस्ट
गर्मियों की तपिश से राहत पाने और प्रकृति की गोद में सुकून भरे पल बिताने के लिए लोग इन दिनों प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं. अगर आप भी इस भीषण गर्मी में पहाड़ियों और हरियाली के बीच छुट्टियां बिताने का मन बना रहे हैं, तो छत्तीसगढ़ के ये 05 बेहतरीन पर्यटन स्थल आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकते हैं. आइए, जानते हैं छत्तीसगढ़ के इन खूबसूरत स्थलों के बारे में, जो गर्मियों में आपकी छुट्टियों को और भी खास बना सकते हैं.
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Chhattisgarh Tourism: गर्मियों की तपिश से राहत पाने और प्रकृति की गोद में सुकून भरे पल बिताने के लिए लोग इन दिनों प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं. अगर आप भी इस भीषण गर्मी में पहाड़ियों और हरियाली के बीच छुट्टियां बिताने का मन बना रहे हैं, तो छत्तीसगढ़ के ये पांच बेहतरीन पर्यटन स्थल आपके लिए एक आदर्श विकल्प हो सकते हैं.आइए, जानते हैं छत्तीसगढ़ के इन खूबसूरत स्थलों के बारे में, जो गर्मियों में आपकी छुट्टियों को और भी खास बना सकते हैं.
गंगरेल बांध
धमतरी जिले में स्थित गंगरेल बांध, जिसे रविशंकर बांध के नाम से भी जाना जाता है, पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है. यह विशाल बांध महानदी पर स्थित है और धमतरी शहर से लगभग 15 किमी की दूरी पर है. गंगरेल बांध की जल धारण क्षमता 15,000 क्यूसेक है, जिससे यह क्षेत्र का सबसे बड़ा और सबसे लंबा बांध माना जाता है. इस बांध के माध्यम से गंगरेल हाइडल पावर प्रोजेक्ट नामक 10 एमवी क्षमता वाली एक हाइडल पावर परियोजना द्वारा आसपास के क्षेत्र में विद्युत उत्पादन होता है.बांध की सुंदरता और उसके आस-पास के प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिससे यह धमतरी जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है.गंगरेल बांध न केवल ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि यह जल प्रबंधन और सिंचाई के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
चित्रकोट
बस्तर जिले में स्थित चित्रकोट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे सुंदर और प्रमुख जलप्रपातों में से एक है. यह जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है और इसकी ऊंचाई 90 फीट है. इस जलप्रपात की विशेषता यह है कि बारिश के दिनों में इसका पानी लालिमा लिए हुए होता है, जबकि गर्मियों में चांदनी रात में यह बिल्कुल सफेद दिखाई देता है. चित्रकोट जलप्रपात जगदलपुर से 40 किमी और रायपुर से 273 किमी की दूरी पर स्थित है. यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा और सबसे जलमग्न जलप्रपात है. इसे बस्तर संभाग का मुख्य जलप्रपात माना जाता है. जगदलपुर के निकट होने के कारण यह एक प्रमुख पिकनिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है.चित्रकोट जलप्रपात की प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीयता पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे यह बस्तर जिले का एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है.
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तीरथगढ़
जगदलपुर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनमोहक जलप्रपात पर्यटकों का दिल जीत लेता है. यह जलप्रपात मुनगाबहार नदी पर स्थित है और चंद्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फीट नीचे सीढ़ीनुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है. पानी के गिरने से बनने वाला दूधिया झाग और पानी की बूंदों का प्राकृतिक फव्वारा पर्यटकों को मंद-मंद भिगोता है, जिससे वे इसकी मोहक छटा में इतने खो जाते हैं कि यहां से वापस जाने का मन ही नहीं करता.कहा जाता है कि करोड़ों वर्ष पहले किसी भूकंप से बने चंद्र-भ्रंस के कारण नदी के डाउनसाइड की चट्टानें नीचे धसक गईं और इससे बनी सीढ़ीनुमा घाटी ने इस मनोरम जलप्रपात का सृजन किया. यह जलप्रपात न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी अद्वितीय संरचना और इतिहास भी पर्यटकों को आकर्षित करता है.इस जलप्रपात की खूबसूरती और अद्वितीयता ने इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है, जहाँ देश-विदेश से लोग आकर इसके अद्वितीय दृश्य का आनंद लेते हैं.
चर्रे-मर्रे जलप्रपात
छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले में स्थित चर्रे-मर्रे जलप्रपात एक बेहद खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है. यह जलप्रपात जिला मुख्यालय कांकेर से लगभग 85 किलोमीटर और अंतागढ़ ब्लॉक से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर आमाबेड़ा के रास्ते पर जोगी नदी पर स्थित है.इस जलप्रपात का मुख्य स्रोत जोगीधारा नदी है, जो मटला घाटी में बहती है. इसे स्थानीय लोग अंतागढ़ नदी या कुत्री नदी के नाम से भी जानते हैं. जलप्रपात का गिरता हुआ पानी विभिन्न कुंडों में इकट्ठा होते हुए दक्षिण दिशा में लंबी दूरी तय कर कोटरी नदी में मिल जाता है.चर्रे-मर्रे जलप्रपात की प्राकृतिक सुंदरता और इसके चारों ओर का परिदृश्य पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह जलप्रपात क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां की शांति और सौंदर्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं.इस जलप्रपात की यात्रा करने वाले पर्यटक इसकी मोहक छटा में खो जाते हैं और इस अद्वितीय प्राकृतिक स्थल का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से आते हैं.
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चिरमिरी
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित चिरमिरी, एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है. चिरमिरी भारत की उन खास जगहों में से एक है जिसे प्रकृति का ढेर सारा प्यार मिला है. यहां दूर तक बिखरी हरियाली और अनगिनत झरनों का आनंद लिया जा सकता है. समुद्र तल से लगभग 579 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन छत्तीसगढ़ियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है. गर्मियों की कड़ी धूप में यह हिल स्टेशन लोगों के लिए ठंडे साए जैसा काम करता है. चाहे वह हरे-भरे पहाड़ हों या हसीन नजारों का तोहफा, चिरमिरी हमेशा अपने पर्यटकों को निराश नहीं करता है. प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के कारण, चिरमिरी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है जहां पर्यटक बार-बार आने के लिए मजबूर हो जाते हैं. यहां की हरियाली और ठंडी हवाएं हर किसी का मन मोह लेती हैं.
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(रिपोर्ट- रीना चन्द्रा)
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