सूरजपुर: फुटबॉल फटने पर 45 मासूमों को मिली सजा, नाराज फादर ने रोका बच्चों का खाना
Surajpur Viral Video- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर जिले में खेल-खेल में फुटबॉल फटने पर करीब 45 मासूमों को सजा देने की बात सामने आई है.…
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Surajpur Viral Video- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर जिले में खेल-खेल में फुटबॉल फटने पर करीब 45 मासूमों को सजा देने की बात सामने आई है. स्कूली बच्चों के साथ हुई इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है. दरअसल, प्रतापपुर विकासखंड के जगन्नाथपुर स्थित मिशन स्कूल (Mission School Jagannathpur) में फुटबॉल फटने की वजह से बच्चों का खाना-पीना रोक दिया गया. इसके बाद बच्चे दो दिनों तक भूखे रहे. वीडियो वायरल (Viral Video) होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और संबंधित लोगों पर कार्रवाई हुई. प्रबंधन ने खाना नहीं देने की बात भी स्वीकार कर ली है.
वायरल हो रहे वीडियो में कुछ बच्चे किसी से पारले जी बिस्कुट लेते दिखाई दे रहे हैं. बताया गया कि बिस्कुट भी भूखे रहने के दूसरे दिन उनको नसीब हुआ.घटना के बारे में जब पड़ताल की गई तब सामने आया कि मिशन स्कूल के हॉस्टल के बच्चे फुटबॉल खेल रहे थे. इस दौरान फुटबॉल फट गई. इससे नाराज हॉस्टल प्रबंधन ने बच्चों का खाना ही रोक दिया. लिहाजा बच्चे दो दिनों तक भूखे रहे.
मामला प्रकाश में आने के बाद, खंड शिक्षा अधिकारी एमएस धुर्वे की टीम ने इसकी की जांच की. जांच के बाद प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है. बता दें कि जांच में पहुंची टीम के समक्ष आरोपों की पुष्टि हुई. स्कूल प्रबंधन ने नुकसान के बदले दो टाइम खाना नहीं देने और प्रति छात्र पचास रुपए अर्थदंड की बात स्वीकार की है. दूसरी तरफ बच्चों ने भी उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार की जानकारी दी है. जांच के दौरान खड़गवांकला चौकी के प्रभारी बृजबिहारी पांडे भी दल बल के साथ मौजूद थे. साथ ही प्रशासन के हरकत में आने के बाद उच्च प्रबंधन ने अधीक्षक पीटर को यहां से हटा दिया है.
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क्या है पूरा मामला?
मंगलवार से सोशल मीडिया पर जगन्नाथपुर के मिशन स्कूल से जुड़े वीडियो और ऑडियो वायरल हो रहे हैं. वीडियो में बच्चों को बाहरी लोग पारले जी बिस्कुट देते नजर आ रहे हैं. वहीं एक ऑडियो में स्कूल प्रबंधन के एक फादर और कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री की आवाज की कथित आवाज है जिसमें महामंत्री बच्चों को दो दिनों से खाना नहीं देने के आरोप लगा रहें हैं. फादर भी बच्चों को सजा के तौर पर दो टाइम भूखे रखने की पुष्टि कर रहे हैं.
दूसरी तरफ इस तरह के ऑडियो-विडियो के बाहर आने के बाद लोगों में गुस्सा है और हॉस्टल प्रबंधन के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं.
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अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई करने का दिया आश्वासन
मामला प्रकाश में आने के बाद प्रतापपुर बीईओ एमएस धुर्वे, बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा के साथ जांच के लिए स्कूल पहुंच गए. बाद में मंडल संयोजक प्रमोद गुप्ता भी पहुंचे. सभी ने जांच शुरू की. जांच टीम ने पहले बच्चों से बात की और फिर प्रबंधन के लोगों से पूछताछ की. जांच के दौरान फादर और अधीक्षक ने स्वीकार किया कि नुकसान की भरपाई के लिए बच्चों से पचास पचास रुपए अर्थदंड के तौर पर वसूली की गई. सोमवार की रात और मंगलवार की सुबह खाना नाश्ता नहीं देनें की बात भी कबूल की. वहीं बच्चों ने उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार की जानकारी दी. जांच टीम ने चर्चा के बाद सबके लिखित बयान दर्ज किए और प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को भेज दिया है. दूसरी तरफ बीआईओ ने पूरी स्थिति को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की. वे प्रबंधन को फटकार लगाते भी दिखे. उन्होंने कहा कि प्रबंधन का कृत्य अमानवीय है और उच्च अधिकारियों के निर्देश पर और कड़ी कार्रवाई होगी.
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(कांकेर से अजय सोनी की रिपोर्ट)
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