नारायणपुर नक्सल मुठभेड़ को ग्रामीणों ने बताया फर्जी,कहा- 4 निर्दोष ग्रामीणों को जवानों ने मारा, पुलिस ने दिया जवाब

इमरान खान

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एनकाउंटर के बाद वापस लौटते जवान
नारायणपुर पुलिस नक्सल मुठभेड़
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Narayanpur Police-Naxal Encounter: अबूझमाड़ के घमंडी में हाल ही में हुए पुलिस-नक्सल मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे हैं. मुठभेड़ में  कथित रूप से मारे गए नक्सलियों का शव लेने उनके परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे हुए थे. परिजनों ने पुलिस के सारे दावे को सिरे से खारिज करते हुए इस मुठभेड़ को फर्जी बताया है.परिजनों का आरोप है कि मुठभेड़ में मारे गए पांच में से चार लोग घमंडी के निवासी हैं. इन चारों का नक्सल संगठन से कोई वास्ता नहीं था. ये लोग आम आदिवासी थे और खेती-किसानी का काम करते थे.

परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप

 गांव के युवक लाल साय वड्डे ने बताया कि पुलिस गांव में पहुंची तो चारों ग्रामीण डर की वजह से जंगल की तरफ भाग गए थे. इस दौरान दूसरे दिशा से आ रहे पुलिस के जवानों ने जंगल में उन्हें भागता देख गोली मारकर मौत के घाट उतर दिया. युवक ने बताया कि इनके पास किसी भी प्रकार का हथियार नहीं था.पोस्टमार्टम के बाद कथित नक्सली का शव लेने के लिए दूधमुंहे बच्चे के साथ एक महिला पहुंची थी. उसने बताया कि जब फोर्स के लोग सोमवार को गांव आए थे,तब गांव को चारों तरह से घेर लिया गया था.इस दौरान गांव के पुरुष डर की वजह से गांव छोड़कर जंगल की तरफ भाग गए थे. दूसरे दिन नक्सली मुठभेड़ में उनके मारे जाने की खबर मिली.

परिजनों के आरोपों को एसपी ने किया खारिज

इस आरोपों पर नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि माड़ बचाओ अभियान के तहत पांचवी बार सुरक्षाबल के जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.इस अभियान में टॉप नक्सली लीडरों को टारगेट किया जा रहा है. नक्सली संगठन के तीसरे और चौथे क्रम के लोगों को अभियान से दूर रखा जा रहा है. मुठभेड़ में अब तक जो मारे गए हैं, वह पुलिस के प्रोफाइल में आठ लाख के इनामी नक्सली हैं. हर मुठभेड़ के बाद नक्सली दबाव में ग्रामीण पुलिस पर झूठा आरोप लगाते हैं. धमंडी मुठभेड़ में चालीस लाख के इनामी नक्सली मारे गए हैं. ग्रामीणों के द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है,वह निराधार है.

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पुलिस प्रोफाइल के मुताबिक मारे गए कथित नक्सली कोंडा तोगड़ा, एडमा वड्डे, कमलू वड्डे और फरसा तमुड़ा पीएलजीए कम्पनी नम्बर 1 सीसी प्रोटेक्शन टीम के मेम्बर थे. इन पर आठ-आठ लाख का ईनाम था. इन चारों लोगों के परिजनों ने पुलिस के दावे को नकारते हुए मुठभेड़ को फर्जी बताया है. बता दें, 30 जून को जिला नारायणपुर के थाना कोहकामेटा, सोनपुर, कैम्प ईरकभट्टी, मोहंदी और ढोढरीबेड़ा से जवान सर्चिंग के लिए ग्राम हिकुलनार और घमंडी की तरफ रवाना हुए थे. इस दौरान मंगलवार को पुलिस पार्टी और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई थी.

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