छत्तीसगढ़: आजादी के 76 साल बाद पहुंची इस गांव में बिजली, अंधेरे में जीने को मजबूर थे लोग

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Electricity reached in Elmagunda- छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले के नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव (Elmagunda) में आखिरकार बिजली पहुंच गई. आजादी के 76 साल बाद इस गांव में उजाला आया है. माना जाता है कि यहां कभी नक्सलियों का कब्जा था. यहां उनकी जनताना सरकार चलती थी लेकिन अब इस गांव की तस्वीर धीरे धीरे बदलने लगी है. प्रशासन का दावा है कि यह सब कैंप खुलने के बाद संभव हो पाया.

सुकमा जिले के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम एलमागुंडा में जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ, प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता दिवस से पहले रविवार को विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ.

सरकार का दावा है कि ग्राम एलमागुंडा में नक्सलियों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा आज तक नहीं पहुंच पाई थी. ग्रामीण अंधकारमय जीवन जीने को मजबूर थे.

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जिला पुलिस की ओर से समय-समय पर ग्राम एलमागुंडा सहित आसपास के ग्रामीणों की लगातार बैठक लेकर ग्रामीणों को नक्सल कृत्यों से अवगत कराकर गांवो के विकास में सहभागी बनने और ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर रहने, गांव के विकासात्मक कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.

तोंडामरका में छह माह पहले खुला कैंप

तोंडामरका में छह माह पहले ही सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है. पुलिस का दावा है कि कैंप लगने के बाद एलमागुंडा के विकासात्मक कार्यो में तेजी आई है. भविष्य में भी ग्रामीणों तक अन्य सुविधाएं पहुंचाई जाएगी.

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पुलिस का दावा- ग्रामीणों में है खुशी

सुकमा एसपी किरण चौहाण ने बताया कि जिले के एलमागुंडा सहित आसपास के ग्रामीणों की लगातार बैठक लेकर ग्रामीणों को नक्सली कृत्यों से अवगत कराकर ग्रामों के विकास में सहभागी बनने तथा ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर रहने, गांव के विकासात्मक कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. गांव में बिजली पहुंच गई है जिसे लेकर ग्रामीणों काफी खुश है.

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