छत्तीसगढ़ को मिलेगा स्पेशल ग्रांट? सीएम साय ने वित्त आयोग के सामने दी ये दलील
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए विशेष केंद्रीय अनुदान मांगा.
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने गुरुवार को 16वें वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ के लिए विशेष केंद्रीय अनुदान मांगा. उन्होंने राज्य की बड़ी आदिवासी आबादी, चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों और राज्य के कुछ हिस्सों में नक्सल गतिविधियों का हवाला दिया.
अधिकारी ने बताया कि सीएम साय ने इस बात पर जोर दिया कि नवंबर 2000 में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों के बराबर लाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है.
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सीएम साय ने दी दलीलें
-यहां केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान साय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि छत्तीसगढ़ एक नवगठित राज्य है, जिसमें बड़ी आदिवासी आबादी है और जो चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों का सामना कर रहा है.
-अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यह नक्सल गतिविधियों से भी प्रभावित है.
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-उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने आयोग को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से किए जा रहे विकास कार्यों और माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी उपायों की जानकारी दी.
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-साय ने बताया कि इन क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बुनियादी ढांचे के विकास पर अतिरिक्त खर्च होता है. उन्होंने इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 'नियाद नेल्लनार योजना' के तहत चल रहे प्रयासों का विवरण भी साझा किया.
-मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि वित्त आयोग से वित्तीय सहायता में वृद्धि से पिछड़े क्षेत्रों में जन कल्याण परियोजनाओं को काफी बढ़ावा मिलेगा.
-साय ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, "चूंकि भारत तेजी से एक आर्थिक महाशक्ति बन रहा है, इसलिए छत्तीसगढ़ इस विकास में योगदान देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. हम एक विकसित भारत के साथ-साथ एक विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करेंगे."
-मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्रीय पैनल राज्य के सर्वांगीण विकास के सपने को साकार करने में मदद करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.
-उन्होंने राज्य के सामने चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के कारण रेलवे, सड़क, दूरसंचार, ऊर्जा और सिंचाई जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बढ़ी हुई लागत और विस्तारित समय सीमा पर प्रकाश डाला.
-साय ने खनिज समृद्ध राज्य में खनन गतिविधियों के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान और स्वास्थ्य प्रभावों पर चिंताओं को दूर करने के लिए किए गए अतिरिक्त खर्चों का भी उल्लेख किया.
-इसके अलावा, साय ने बताया कि उपभोग आधारित गंतव्य कर प्रणाली के रूप में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के कारण खनन गतिविधियों का वास्तविक लाभ छत्तीसगढ़ के बजाय उन राज्यों को मिल रहा है, जहां खनिज मूल्य संवर्धन और खपत होती है.
राज्य की आर्थिक प्रगति पर क्या बोले सीएम?
राज्य की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने 2000 में मात्र 29,539 करोड़ रुपये की छोटी अर्थव्यवस्था के साथ शुरुआत की थी, लेकिन अब इसने 2023-24 में 5 लाख 9 हजार करोड़ रुपये का जीएसडीपी लक्ष्य हासिल कर लिया है.
उन्होंने अगले पांच वर्षों में अपने जीएसडीपी आकार को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य की घोषणा की और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाने का अनुरोध किया.
पनगढ़िया ने की सराहना
बैठक में बोलते हुए आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की तीव्र आर्थिक प्रगति की प्रशंसा की और नवा रायपुर के सुनियोजित विकास की सराहना की.
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने विकसित भारत और छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विनिर्माण इकाइयों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
पनगढ़िया ने राज्य की राजकोषीय स्थिरता, आर्थिक विकास और सामाजिक संकेतकों में सुधार पर प्रकाश डाला, और छत्तीसगढ़ को एक नया उभरता हुआ और तेजी से विकसित होता राज्य बताया.
उन्होंने मानव संसाधन को राज्य की सबसे बड़ी संपत्ति बताया, और विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में कौशल विकास की आवश्यकता पर बल दिया.
ओपी चौधरी ने क्या कहा?
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य की वित्तीय स्थिति प्रस्तुत की, तथा नवा रायपुर को एक हरित स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने पर प्रकाश डाला और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अतिरिक्त केंद्रीय संसाधनों का अनुरोध किया.
उन्होंने आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ राजकोषीय अनुशासन बनाए रखेगा और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कर प्रणाली में लीकेज को ठीक करने के लिए काम कर रहा है.
वित्त मंत्री ने केंद्र और राज्यों के बीच कर बंटवारे के मानदंडों के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
साव-शर्मा ने किया ये अनुरोध
उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा तथा अन्य मंत्रियों ने अपनी विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी प्रस्तुत की और अधिक संसाधनों का अनुरोध किया.
डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस बल की संसाधन आवश्यकताओं को रेखांकित किया, जबकि एनआरडीए (नवा रायपुर विकास प्राधिकरण) के सीईओ सौरभ कुमार ने नियोजित शहर में परियोजनाओं के लिए संसाधन आवश्यकताओं पर विवरण प्रदान किया.
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