CG Sarkari Naukari: 6 साल बाद SI भर्ती परीक्षा का रास्ता साफ, 90 दिनों के भीतर मिल जाएगी सरकारी नौकरी!

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CG Sarkari Naukari
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CG Sarkari Naukari: 6 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एसआई भर्ती परीक्षा (SI Recruitment Exam) को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. इसके बाद अब 90 दिनों के भीतर सरकार को भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

अदालत के निर्णय के बाद एसआई भर्ती परीक्षा के बेरोजगार युवाओं में उनकी उम्मीद पूरी होने की खुशी है, इसके लिए उन्होंने कोर्ट का आभार जताया है.

क्या है पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग में सूबेदार, सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर समेत अन्य 975 पदों पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें से प्लाटून कमांडर के 247 पदों पर भर्ती होनी थी.

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विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि महिला उम्मीदवार प्लाटून कमांडर के लिए पात्र नहीं होंगी. लेकिन 16 मई 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है. इसमें प्लाटून कमांडर और अन्य पद मिलाकर 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ था. इसके बाद मैरिट सूची से वंचित कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल कीं. इसमें भर्ती में अनियमितता सहित नियमों का पालन नहीं करने के आरोप लगाए गए.

याचिका में क्या कहा गया?

याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 पद प्लाटून कमांडर के थे. मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थी यानी कि 14560 होने चाहिए. इसी तरह प्लाटून कमांडर के लिए 247 गुना 20 यानी 4940 अभ्यर्थी शामिल होने चाहिए, लेकिन वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में 975 गुना 20 के अनुसार अभ्यर्थियों के नाम मुख्य परीक्षा के लिए पात्र सूची में शामिल हैं, यह मनमाना और अवैध है.

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युवाओं ने क्या कहा?

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस पूरे मामले को लेकर युवा बेरोजगारों और विशेष कर इस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी रह चुके लोगों में उत्साह है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के मौजूदा भाजपा सरकार का आभार जताया है साथ ही गृह मंत्री से भी मुलाकात की. यहां उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि, भारतीय जनता पार्टी चाहे तो इस प्रक्रिया को अब जल्द से जल्द पूरा कर सकती है. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद बेरोजगार युवाओं में काफी संतोष है. हालांकि उन्हें अब भी कई तरह के संघर्ष और उसमें हुए पैसे और समय की खर्च को लेकर नाराजगी बरकरार है.

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