महादेव ऐप मामले में नोएडा पुलिस का बड़ा एक्शन, 18 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट
Big action by Noida Police in Mahadev App Case- महादेव ऐप मामले (Mahadev App Case) में अब उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) की भी एंट्री…
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Big action by Noida Police in Mahadev App Case- महादेव ऐप मामले (Mahadev App Case) में अब उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) की भी एंट्री हो गई है. नोएडा पुलिस (Noida Police) ने महादेव ऐप केस में बड़ी कार्रवाई की है. मामले से जुड़े 18 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) लगाया गया है. महादेव बुक ऐप को हाल ही में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने प्रतिबंधित किया था. महादेव बुक ऐप की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है और छत्तीसगढ़ के दो पुलिसकर्मियों और अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया है.
महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ की राजनीति में मची हलचल के बीच नोएडा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 18 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पुलिस के अनुसार, महादेव एप से जुड़े लोग साल 2022 में नोएडा की एक पॉश सोसायटी से पकड़े गए थे. नोएडा के थाना 39 में मुकदमा
दर्ज हुआ था. वहीं नोएडा पुलिस ने एप बैन करने के लिए भी लिखा था. गिरफ्तार आरोपी छत्तीसगढ़ के अलावा अलग अलग राज्यों के रहने वाले हैं. पुलिस इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है.
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मुंबई पुलिस ने भी दर्ज किया है मामला
मुंबई पुलिस ने भी महादेव बुक सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी और जुआ खेलने के आरोप में मामला दर्ज किया था. मुंबई पुलिस के माटुंगा पुलिस स्टेशन ने महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और 30 अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, जुआ और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया. यह मामला निचली अदालत के आदेश पर मुंबई के माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया. एक सामाजिक कार्यकर्ता ने महादेव बुक ऐप और इसके प्रमोटरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद अदालत ने माटुंगा पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
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सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये देने का दावा
महादेव बुक ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये भुगतान करने का दावा किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को दावा किया कि फोरेंसिक विश्लेषण और ‘कैश कूरियर’ की ओर से दिए गए बयान से “चौंकाने वाले आरोप” सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने अब तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और “ये” जांच का विषय हैं.” शुभम सोनी नाम के आरोपी ने अपना वीडियो जारी कर सीएम बघेल पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
ईडी ने असीम दास को किया गिरफ्तार
कथित एजेंट असीम दास को एजेंसी ने 5.39 करोड़ रुपये नकद बरामद करने के बाद रायपुर में गिरफ्तार कर लिया है. उसे कथित तौर पर यूएई से ऐप प्रमोटरों द्वारा “विशेष रूप से, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनाव खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए” भेजा गया था.
ईडी का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को विश्वसनीय इनपुट प्राप्त हुए और 2/11/2023 को छत्तीसगढ़ में एक सफल तलाशी अभियान चलाया, जिसमें चुनावी राज्य में 5.39 करोड़ रुपये नकद पकड़े गए.
बता दें कि ईडी महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग एपीपी सिंडिकेट की जांच कर रही है, जिसमें इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के प्रमोटर विदेश में बैठे हैं और अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद से भारत भर में हजारों पैनल चला रहे हैं. इसका प्रमोटर छत्तीसगढ़ से है और उन्होंने हजारों करोड़ रुपये अवैध तरीके से कमाए हैं.
ईडी ने पहले ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय जब्त कर ली है और 14 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की है.
ईडी ने महादेव एपीपी के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है. ईडी ने असीम दास को गिरफ्तार कर लिया है.
कांस्टेबल से पूछताछ से खुलेंगे राज?
आगे की जांच के दौरान ईडी ने पुलिस कांस्टेबल भीम यादव से भी पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया. ईडी की जांच से पता चला है कि पिछले 3 वर्षों में, भीम यादव ने अनधिकृत रूप से दुबई की यात्रा की थी, रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से मुलाकात की थी, महादेव एपीपी के भव्य समारोहों में भाग लिया था और उनकी यात्रा का खर्च आहूजा के मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स द्वारा वहन किया गया था. ब्रदर्स – महादेव एपीपी की एक मनी लॉन्ड्रिंग और टिकटिंग कंपनी. वह छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के लाभ के लिए महादेव एपीपी प्रमोटरों से रिश्वत की रकम प्राप्त करने का माध्यम था. दोनों आरोपी व्यक्तियों को पीएमएलए विशेष न्यायाधीश रायपुर के समक्ष पेश किया गया और ईडी ने उनकी चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूतों का पता लगाने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की मांग की है.
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