पीएम मोदी की रैली से पहले नगरनार पर सियासत तेज, 3 अक्टूबर को रहेगा बस्तर बंद

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Bastar Bandh- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के बस्तर दौरे पर पहुंच रहे हैं. इस दौरान पीएम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार इस्पात संयंत्र (एनएसपी) का लोकार्पण करेंगे. लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इसके निजीकरण करने की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए इसी दिन बस्तर बंद का आह्वान किया है. पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार बस्तर स्थित नगरनार स्टील प्लांट को बेचने जा रही है. वह निजीकरण कर यहां की जनता के साथ अन्याय कर रही है. जबकि दूसरी ओर इसे भाजपा ने पलटवार करते हुए इसे निम्न स्तर की राजनीति करार दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट, एनएमडीसी सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, जगदलपुर-किरंदुल रेलवे लाइन दोहरीकरण समेत अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे. यहां 11 बजे से 11:30 तक कार्यक्रम चलेगा. लेकिन उनके दौरे से पहले केंद्र पर निजीकरण को बढ़ावा देने जैसे आरोपों के साथ नगरनार प्लांट को लेकर विरोध शुरू हो गया है. सर्व आदिवासी समाज और कांग्रेस दोनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

पीएम मोदी के आने से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेस कर प्रधानमंत्री मोदी पर कई आरोप लगाए. कांग्रेस नेता दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र की मोदी सरकार बस्तर स्थित नगरनार स्टील प्लांट बेचने जा रही है, ये बस्तर के लोगों के भावनाओं के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए, बस्तर नगरनार स्टील प्लांट बेचने की योजना बना रही है. इसलिए नगरनार स्टीप प्लांट बेचने के विरोध में 3 अक्टूबर को पूरा बस्तर बंद किया जायेगा.

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सीएम बघेल बोले- हम बस्तर के लोगों के साथ

भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट किया, “नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में देने के षड्यंत्र का बस्तर में विरोध हो रहा है. हम बार-बार कह रहे हैं यदि नगरनार स्टील प्लांट केंद्र नहीं चला पा रहा है तो उसे छत्तीसगढ़ सरकार को दे दो, हम उसे चलाएंगे. हम बस्तर के लोगों के साथ खड़े हैं, खड़े रहेंगे.”

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क्यों हो रहा है विरोध?

कांग्रेस एनएसपी के विनिवेश की केंद्र की योजना को निजीकरण से जोड़ते हुए विरोध कर रही है. नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश की खबरों के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 अगस्त को कहा था कि केंद्र सरकार को इसका निजीकरण नहीं करना चाहिए. बघेल ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार संयंत्र चलाना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार उसे ऐसा नहीं करने दे रही है. साल 2020 में बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उस दौरान बन रहे इस्पात संयंत्र का निजीकरण नहीं करने का आग्रह किया था. उसी साल छत्तीसगढ़ विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें कहा गया था कि सदन केंद्र से नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेश नहीं करने का आग्रह करता है, लेकिन यदि विनिवेश किया गया तो राज्य सरकार इसे खरीदने के लिए तैयार है.

ऐसे में अब कांग्रेस ने जहां तीन को बंद का आह्वान किया है वहीं सर्व आदिवासी समाज ने प्लांट के निजीकरण और एनएमडीसी का मुख्यालय बस्तर मे लाये जाने सहित कई मांगो को लेकर 2 अक्टूबर को विशाल धरना और रैली भी निकालने का फैसला लिया है. इस बीच कांग्रेस के मंत्री और बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर के मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहा है और किसी भी हाल में कांग्रेस एनएमडीसी का निजीकरण करने नहीं होने देगी. कांग्रेस इस बंद का सहयोग करेगी.

कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, “बस्तर बंद- 3 अक्टूबर 2023, हम हर हाल में बस्तर के लोगों के साथ खड़े रहेंगे. नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने की प्रक्रिया रोकी जाए. एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाया जाए.”

 

भाजपा बोली- घटिया राजनीति कर रही है कांग्रेस

रविवार को जगदलपुर के भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार रही है. इसलिए वह निम्न स्तर की राजनीति पर उतर आई है. उन्होंने कहा कि रायगढ़, रायपुर और बिलासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं में अपार भीड़ जुटी थी, जिससे यह तय हो गया कि छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में हार के डर से बौखलाई कांग्रेस बस्तर में 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली आमसभा को प्रभावित करने हथकंडे अपनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि, नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा.

 

24 हजार करोड़ की लागत से बना यह संयत्र

केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार स्टील संयंत्र में पिछले महीने से उत्पादन शुरू हुआ है. एनएमडीसी की विज्ञप्ति के मुताबिक, 30 लाख टन प्रति वर्ष क्षमता का इस्पात संयंत्र लगभग 24 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. यह संयंत्र अपने उच्च गुणवत्ता वाले हॉट रोल्ड इस्पात के भंडार के साथ ‘हॉट रोल्ड’ बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए तैयार है, जो अपनी प्रौद्योगिकी के बल पर कई प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत की नवीनतम और सबसे आधुनिक मिल से आने वाले एचआर कॉइल, शीट और प्लेट देश निर्माण में आवश्यक गुणवत्ता वाले एचआर की बढ़ती मांग को पूरा करेंगे. इनसे एलपीजी सिलेंडर, पुल, इस्पात निर्मित संरचनाएं, जहाज, बड़े व्यास वाले पाइप, भंडारण टैंक, बॉयलर, रेलवे वैगन, साइकिल फ्रेम, इंजीनियरिंग, सैन्य उपकरण, ऑटोमोबाइल, ट्रक के पहियों आदि चीजों का निर्माण होगा. यह संयंत्र बाद के चरण में जनरेटर, मोटर, ट्रांसफार्मर और ऑटोमोबाइल के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रकार के इस्पात का भी उत्पादन करेगा.

 

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