धान खरीदी पर क्या है व्यवधान? कांग्रेस-बीजेपी में तकरार; अब क्या करे किसान…

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Chhattisgarh Dhan Kharidi- धान, किसान और मकान… छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान सियासी दलों की ओर से इन्हीं मुद्दों पर जोर दिया गया. अब नई सरकार के आने के बाद भी राजनीतिक हलकों में इन्हीं तीन मसलों पर प्रमुखता से चर्चा जारी है.

छत्तीसगढ़ में सरकार गठन के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी मोदी की हर ‘गारंटी’ को लागू करने की बात कह रही है, लेकिन अभी तक ‘धान खरीदी’ पर शंकाओं के बादल यथावत हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है और साय सरकार से जल्द से जल्द 31,00 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के उनके वादे को पूरा करने की मांग की है. बीजेपी सरकार की ओर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी को लेकर आदेश जरूर जारी किया गया है लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर अब भी आधिकारिक निर्णय की दरकार है. लिहाजा प्रदेश के किसान धान बेचने और दाम को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं.

तीन नवंबर को बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ में वादा किया था कि प्रदेश में सरकार बनने पर कृषि उन्नति योजना की शुरुआत करेंगे. इसके तहत 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान, 3100 के मूल्य पर खरीदने और इसका एकमुश्त भुगतान करने का ऐलान किया गया था.

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तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए और बीजेपी ने 90 विधानसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में 54 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई.

13 दिसंबर को विष्णुदेव साय ने दो डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंत्रिपरिषद ने 18 लाख पीएम आवास योजना के लिए मंजूरी दी. लेकिन इस दिन भी धान खरीदी को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ.

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धान खरीदी पर कब छटेंगे शंका के बादल?

आखिरकार, 20 दिसंबर को राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने धान खरीदी से संबधित एक आदेश जारी किया. इसके मुताबिक, राज्य की नई सरकार 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी करेगी. लेकिन इस आदेश में भी 31,00 रुपए का कहीं कोई जिक्र नहीं है. ऐसे में किसानों का चिंतित होना लाजिमी है. तो वहीं विपक्षी दल को भी साय सरकार को घेरने के लिए ‘बड़ा मौका’ मिल गया.

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कांग्रेस ने घेरा?

धान खरीदी के मुद्दे पर कांग्रेस साय सरकार पर हमलावर है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. बैज ने तो इस संबंध में सीएम साय को पत्र भी लिखा.

23 दिसंबर को लिखे पत्र में बैज ने कहा, “राज्य में धान खरीदी की प्रक्रिया पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से शुरू है.  किसान धान खरीदी केन्द्रों में अपना धान बेचने पहुंच रहे हैं लेकिन किसानों में दुविधा की स्थिति है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी वादे में किसानों से वादा किया है कि वह धान की कीमत 3100रु प्रति क्विंटल देगी तथा इसका एकमुश्त भुगतान धान बेचने के तुरंत बाद खरीदी केन्द्रों की ग्राम पंचायतों में ही अलग से काउंटर बना कर किया जाएगा.”

उन्होंने पूछा कि इस संबंध में शासन की तरफ से कोई निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है और ना ही कोई निर्देश जारी हुआ है, जिसके कारण उनको समर्थन मूल्य पर ही भुगतान हो रहा है. किसान चिंतित हैं कि उनको 3100रु कब और कैसे मिलेगा.

बजट में भी प्रावधान नहीं

पीसीसी प्रमुख बैज ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा विधानसभा में पेश किए गए अनुपूरक बजट में भी धान खरीदी के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है, इससे और ज्यादा किसानों की चिंता बढ़ गई है.

उन्होंने आगे कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ ही सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है. आग्रह है कि प्राथमिकता के आधार पर धान की कीमत 3100रु एकमुश्त भुगतान करने का निर्णय लेकर क्रियान्वित करवाया जाए.

बघेल ने क्या कहा?

पत्रकारों से बातचीत करते हुए शुक्रवार को पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नई सरकार ने 13 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है और अब तक 38 लाख मीट्रिक टन की खरीदी हुई है. यह लक्ष्य कैसे पूरा होगा?

उन्होंने कहा कि पंचायत में भुगतान करने की बात थी, 3100 रुपए नकदी देने की बात थी. यह गारंटी कहां पूरी हुई?

किसानों की क्या है चिंता?

नई सरकार के आते ही धान खरीदी को लेकर किसानों में उम्मीदें और चिंताएं साफ देखी गईं. छत्तीसगढ़ Tak ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में किसानों के साथ बातचीत की जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्यों किसान असमंजस की स्थिति में हैं. दुर्ग, बालोद, राजनांदगांव, बिलासपुर, सुकमा, मनेंद्रगढ़, गरियाबंद, पेंड्रा, और महासमुंद की किसान चौपाल देख सकते हैं.

धान खरीदी पर क्या है वास्तविक स्थिति?

छत्तीसगढ़  में 1 नवंबर से धान खरीदी जारी है. नए आदेश से पहले प्रति एकड़ 20 क्विटंल की दर से धान खरीदी की जा रही थी. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से 21 दिसंबर को एक्स पर पोस्ट किया गया,  “छत्तीसगढ़ में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. आदेश 1 नवम्बर से लागू होगा. पूर्व में समर्थन मूल्य में धान विक्रय कर चुके किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा.”

धान खरीदी पर व्यवधान?

खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने मौजूदा आदेश में लिखा है कि ऐसे किसान जो अपना धान पूर्व में समर्थन मूल्य पर विक्रय कर चुके हैं, उन्हें भी 21 क्विटंल की पात्रता में धान बेचने की इजाजत होगी.

अब तक कितनी धान खरीदी हुई?

21 दिसंबर को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर 1 नवम्बर 2023 से धान खरीदी जारी है. लगभग दो माह में अब तक राज्य के 9 लाख 93 हजार पंजीकृत किसानों से 45 लाख 54 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है.

बयान में कहा गया है कि राज्य शासन की ओर से इस साल प्रदेश के किसानों से 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. इस खरीफ विपणन वर्ष में धान बेचने के लिए प्रदेश के 26.86 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. इसमें कुल पंजीकृत रकबा 33.22 लाख हेक्टेयर है, वहीं 2.59 लाख नए किसानों ने पंजीयन कराया है.

31,00 रुपए पर क्या कह रही है सरकार?

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कई मौकों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 3100 रुपए में धान खरीदने की बात कर चुके हैं. शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने 3100 रुपए में 21 क्विंटल धान खरीदने की प्रतिबद्धता जताई.

इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को एक्स पर एक पत्र साझा किया गया जिसे भारतीय किसान संघ ने लिखा है. पोस्ट में लिखा है, “भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के मुखिया श्री विष्णुदेव साय को किसान हितैषी योजनाओं को प्राथमिकता से लागू करने के लिए आभार व्यक्त किया है.

भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र में किसानों  से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और  25 दिसंबर को किसानों को 2 वर्षों का बोनस दिए जाने के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है.”

यह धोखा देने वाला रवैया; ‘जल्द आदेश जारी होगा…

धान खरीदी पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध जारी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ल ने छत्तीसगढ़ Tak से कहा कि यह धोखा देने वाला रवैया है. अगर इनको मोदी को गारंटी पूरी करनी है तो जल्द से जल्द फैसला लेना होगा.

उन्होंने चिंता जाहिर की कि धान खरीदी को लेकर सिर्फ डेढ़ महीने का ही वक्त बचा है और सिर्फ 45 लाख मीट्रिक टन ही धान खरीदी हो पाई है. उन्होंने सवाल उठाया,  “कैबिनेट बैठक हो गई, अनुपूरक बजट भी ये ले आए लेकिन 3100 रुपए में धान खरीदी को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है.”

दूसरी ओर बीजेपी के प्रवक्ता रविंद्र सिंह कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 31,00 रुपए की दर पर धान खरीदी होगी इसमें कोई शंका नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी कैबिनेट गठन हुआ है. जल्द ही आदेश जारी हो जाएगा. मोदी की हर गारंटी पूरी होगी.

लेकिन इन तमाम बयानों और वादों के बावजूद अब भी किसानों को 31,00 रुपए में धान खरीदी के संबंध में स्पष्ट आदेश का इंतजार है.

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