छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला: कौन हैं कांग्रेस के दो विधायक जिन्हें मिला कोर्ट का नोटिस? जानें क्या है आरोप

अक्षय दुबे 'साथी'

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Chhattisgarh Coal Levy Scam- छत्तीसगढ़ के रायपुर की एक विशेष अदालत ने कथित कोयला लेवी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो कांग्रेस विधायकों और सात अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है. अदालत ने कथित आरोपियों को 25 अक्टूबर को अपने सामने पेश होने को कहा है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले महीने चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह यादव (Devendra Singh Yadav) और चंद्रदेव प्रसाद राय (Chandradev Prasad Rai) और आईएएस अधिकारी रानू साहू (Ranu Sahu) सहित 11 लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया था.

विशेष अदालत ने शनिवार को दूसरा पूरक आरोप पत्र दर्ज किया और 11 आरोपियों में से नौ को नोटिस जारी किया, क्योंकि साहू और एक निखिल चंद्राकर को मामले में पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.

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नौ आरोपियों में विधायक यादव और राय के अलावा कांग्रेस नेता आरपी सिंह और विनोद तिवारी भी शामिल हैं. इस मामले में लगाए गए मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 संज्ञेय और गैर-जमानती हैं, नौ आरोपियों को, जिन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, अग्रिम जमानत प्राप्त करने की आवश्यकता है.  वहीं सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होने पर अदालत उनके खिलाफ जमानती या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है.

 

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क्या है मामला?

ईडी की जांच कथित घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़े एक कार्टेल की ओर से छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी वसूली जा रही थी.

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ईडी ने अपने दूसरे पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया कि साहू, जो घोटाले की अवधि के दौरान कोरबा जिले के कलेक्टर के रूप में कार्यरत थीं, उन्होंने  सूर्यकांत तिवारी और उनके द्वारा कोयला ट्रांसपोर्टरों और जिला खनिज निधि (डीएमएफ) अनुबंधों से अवैध लेवी राशि के संग्रह की सुविधा प्रदान की और सहयोगियों, और उनसे भारी रिश्वत प्राप्त की.

 

कांग्रेस विधायकों पर ये है आरोप

जांच एजेंसी ने दावा किया है कि भिलाई नगर से विधायक यादव को खैरागढ़ उपचुनाव (अप्रैल 2022 में) के लिए कोयला कार्टेल से उत्पन्न अपराध की आय और अन्य राजनीतिक और व्यक्तिगत खर्चों के लिए कथित तौर पर लगभग 3 करोड़ रुपये मिले थे.

ईडी के अनुसार, बिलाईगढ़ विधायक राय को कथित तौर पर चुनावी फंडिंग, राजनीतिक खर्च और व्यक्तिगत उपहारों के लिए 46 लाख रुपये मिले थे, जबकि कांग्रेस नेता तिवारी और सिंह को राजनीतिक और व्यक्तिगत खर्चों के लिए क्रमशः लगभग 1.87 करोड़ रुपये और 2.01 करोड़ रुपये मिले थे.

 

पिछले साल दायर की गई थी पहली चार्जशीट

मामले में पहली चार्जशीट पिछले साल 9 दिसंबर को दायर की गई थी, जिसमें आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, व्यवसायी सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी और उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को आरोपी के रूप में नामित किया गया था, सभी को ईडी ने पहले गिरफ्तार किया था.

(इनपुट- अजय सोनी)

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