Lok Sabha Election: राजनांदगांव लोकसभा सीट में नामांकन फार्म खरीदने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा हैं. राजनांदगांव कलेक्ट्रे़ट ऑफिस में फार्म लेने के लिए भारी संख्या में उम्मीदवार पहुंच रहे हैं. इसे भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बयान का असर बताया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लड़ने से पहले ही यह सीट हाई प्रोफाइल बनी हुई है. एक दिन पहले ही बघेल के नामांकन दाखिले के साथ ही कांग्रेस ने राजनांदगांव में शक्ति प्रदर्शन कर दिया. वहीं नामांकन दाखिले के एक दिन पहले 200 से ज्यादा लोगों ने फार्म खरीद लिया है. कयास लगाए जा रहे है कि 400 से ज्यादा लोग फार्म खरीद सकते है. राजनांदगांव सीट में दूसरे चरण में चुनाव होना है, यहां नामांकन दाखिले की अंतिम तारीख 4 अप्रैल तक निर्धारित है.
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बैलेट पेपर से चुनाव के लिए बघेल ने दिया था बयान
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के फार्म के लिए पहुंचने को कुछ समय पहले आए पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के बयान का ही असर बताया जा रहा है. उन्होंने चुनाव आयोग के प्रश्नावली का के आधार पर बीते दिनों पाटन में कहा था कि एक EVM में केवल 375 उम्मीदवारों का नाम आ सकता है और अगर इससे ज्यादा हुए तो चुनाव आयोग, बैलेट पेपर से चुनाव करवाने को मजबूर हो जाएगा. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रूपेश दुबे ने भी दावा किया है कि ईवीएम से आम जनता का भरोसा उठ चुका है, इसीलिए राजनादगांव संसदीय क्षेत्र की जनता चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना चाहती है.
EVM को लेकर कांग्रेस की आपत्ति
वहीं फार्म खरीदने पहुचे कुछ लोगो का कहना है कि वे चुनाव लड़ना चाहते है इसलिए खरीदा हैं. इस दौरान कुछ लोगो ने तो चुप्पी भी साधते हुए नजर आए. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस लगातार ईवीएम को लेकर हमलावार है. बघेल ने तो बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का फार्मूला भी बता दिया था. इलेक्शन ऑफिस की भीड़ को इसी का असर भी बताया जा रहा है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या सच में बड़ी संख्या में नामांकन से इस चुनाव में वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव होगा ?
राजनांदगांव से परमानंद रजक की रिपोर्ट
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