गढ़ के दावेदार: रायपुर लोकसभा सीट के लिए ये 9 दिग्गज हैं दावेदार! किसकी होगी नैय्या पार?

Chhattisgarh Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ बनने के बाद से रायपुर लोकसभा सीट (loksabha election) आज तक कांग्रेस नहीं जीत पाई. जबकि पिछले आठ बार से…

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Chhattisgarh Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ बनने के बाद से रायपुर लोकसभा सीट (loksabha election) आज तक कांग्रेस नहीं जीत पाई. जबकि पिछले आठ बार से रायपुर में भाजपा (BJP) का ही कब्जा है. इस सीट से रमेश बैस 7 बार सांसद रह चुके हैं. 1996 से 2019 तक लगातार वो सात बार यहां से चुनाव जीते. वर्तमान में रायपुर लोकसभा से बीजेपी के सुनील सोनी सांसद हैं. 2019 के चुनाव में सुनील सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को हराया था.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर राज्य की 11 लोकसभा सीटों में सबसे बड़ा शहर है. 1999 तक यह लोकसभा सीट मध्य प्रदेश में आती थी. साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना. इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर विधानसभा की 9 सीटें आती हैं. इनमें बलौदा बाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर दक्षिण, रायपुर पश्चिम, रायपुर उत्तर, अभनपुर और आरंग शामिल है. इन 9 सीटों में आरंग सीट अनुसूचित जाति यानी SC वर्ग के लिए आरक्षित है.

रायपुर लोकसभा क्षेत्र में इस जाति का है दबदबा

रायपुर जिला ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से भी विशेष पहचान रखता है. यह जिला कभी दक्षिणी कौशल का हिस्सा था और मौर्य साम्राज्य के अधीन माना जाता था. जनसंख्या और जातिगत समीकरण की बात करें तो रायपुर लोकसभा की जनसंख्या लगभग 40 लाख है. यहां ओबीसी वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है. हालांकि बाकी अन्य समुदाय की भागीदारी भी लगभग बराबर है.

बीजेपी की स्थिति मजबूत

2023 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश के राजनीतिक हालात बदल गए हैं और रायपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 9 में से 8 सीटें जीती थी. बस भाटापार विधानसभा सीट पर ही कांग्रेस अपना परचम लहरा पाई. इस लिहाज से बीजेपी की स्थिति यहां मजबूत लग रही है. ऐसे में 2024 BJP किसे अपना उम्मीदवार बनाती है, ये बड़ा सवाल है.

BJP से टिकट के दावेदार-

  • पहला नाम वर्तमान सांसद सुनील सोनी का सामने आ रहा है. सांसद से पहले वे रायपुर महापौर की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.
  • सोनी के बाद धरसीवां से तीन बार के विधायक रहे देवजी भाई पटेल के नाम की चर्चा है. पटेल भाजपा सरकार में अपने ही सरकार को घेरने के मामले में सुर्खियों में रहते थे उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए फॉर्म भी ले लिया था लेकिन पार्टी ने उन्हें मना लिया.
  • दावेदारों की लिस्ट में संजय श्रीवास्तव का भी नाम है. संजय श्रीवास्तव ने छात्र जीवन से राजनीति ने कदम रखा. पहले भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष फिर भाजपा सरकार में आरडीए अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं. वर्तमान में बीजेपी महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
  • अगला नाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवरतना शर्मा का है.शिवरतन शर्मा भाटापारा से विधायक रह चुके हैं…लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में वो हार गए थे…ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है.
  • बीजेपी के दावेदारों में राजेश मूणत के नाम की भी चर्चा है. रायपुर पश्चिम से वर्तमान में वो विधायक हैं और साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें क्लस्टर प्रभारी भी नियुक्त किया गया है.

कांग्रेस की तरफ से ये हैं दावेदार-

  • पहला नाम विकास उपाध्याय का सामने आ रहा है. रायपुर पश्चिम से पूर्व विधायक रह चुके हैं. इस बार राजेश मूणत से चुनाव हार गए. वर्तमान में AICC में सचिव के पद पर हैं. युवा नेता के रुप में अच्छा खासा जनाधार हैं. ऐसे में पार्टी उन्हें मौका दे सकती है.
  • दूसरा नाम सुशील आनंद शुक्ला का है. वे कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष हैं. उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं.
  • कांग्रेस के दावेदारों में गिरीश देवांगन का नाम भी शामिल है. संगठन में कई प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
  • इनके अलावा राकेश गुप्ता का नाम भी सामने आ रहा है. राकेश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.

फिलहाल इन नामों की बस चर्चा है. देखने वाली बात होगी बीजेपी-कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाती है.

रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट

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