Chhattisgarh Loksabha Election: कांग्रेस को अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा से काफी उम्मीदें हैं. लेकिन इस यात्रा के बीच सामने आ रही गुटबाजी और मूड ऑफ द नेशन के सर्वे (Survey) से राज्य के धुरंधर नेताओं के लिए चुनौतियां बढ़ती दिखाई दे रही है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो न्याय यात्रा भी अब गुटबाजी का शिकार हो गई है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि इतनी सारी चुनौतियों के बीच कांग्रेस की न्याय यात्रा कैसे सफल होगी.
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छत्तीसगढ़ में इस वक्त राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा जारी है. लेकिन इस यात्रा में भारी गुटबाजी सामने आ रही है. कोरबा में राहुल गांधी के स्वागत में लगाए सैकड़ों बैनर में इसकी बानगी देखने को मिली. एक गुट के बैनर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत गायब रहे, तो दूसरे गुट के बैनर में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और कोरबा के पूर्व विधायक जयसिंह अग्रवाल का अता-पता नहीं है.
कोरबा-रायगढ़ में दिखी गुटबाजी
कांग्रेस में गुटबाजी का यह आलम तब है, जब प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट राज्य में घूम-घूम कर कांग्रेस नेताओं को न्याय यात्रा और लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट करने की बार-बार सीख दे चुके हैं. यह गुटबाजी न केवल कोरबा में है, बल्कि ऐसा ही नजारा रायगढ़ में भी देखने को मिला. 8 फरवरी को राहुल की न्याय यात्रा रायगढ़ में प्रवेश की. रेंगालपाली सभास्थल पर राहुल का कार्यक्रम हुआ, लेकिन विवाद तब बढ़ गया जब सभास्थल के आस-पास की दीवारों में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के नाम की लगी पेंटिंग रातों-रात किसी ने हटा दी और उसमें उमेश पटेल जिंदाबाद के नारे लिख दिए.
देवेंद्र यादव के नाम पर लगाया काला पेंट!
इतना ही नहीं बल्कि भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव के नाम पर भी काला पेंट लगा दिया गया. इस कारनामे के पीछे खरसिया विधायक उमेश पटेल के सहयोगियों का नाम सामने आया. इसके बाद शुक्रवार देर रात देवेंद्र यादव और उमेश पटेल के समर्थकों में वॉल पेंटिंग को लेकर विवाद शुरू हो गया और दोनों ही इस मामले को लेकर आमने-सामने आ गए थे.
न्याय यात्रा को लेकर सर्वे
इस गुटबाजी के बीच यात्रा को लेकर आए सर्वे रिपोर्ट से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया टुडे-सी वोटर ने ‘मूड ऑफ द नेशन’ नाम से सर्वे किया है. इस सर्वे में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर भी लोगों से राय ली गई. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 50 फीसदी लोगों ने कहा कि वो वोट देने जाएंगे तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उनके लिए कोई मुद्दा नहीं होगी. जबकि 42 फीसदी लोगों ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से राहुल गांधी की छवि में कोई सुधार नहीं हुआ है. सर्वे रिपोर्ट में लोगों का मिजाज न्याय यात्रा को लेकर पॉजिटिव नजर नहीं आ रहा है.
लोकसभा में कांग्रेस को मात्र 1 सीट!
वहीं सर्वे रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से बीजेपी को 10 सीटें और कांग्रेस को मात्र 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. राहुल की पहली यात्रा के मुकाबले इस दूसरी यात्रा को लेकर वो क्रेज नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में तो इस न्याय यात्रा का लोकसभा चुनाव में कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है.
सीएम साय ने कहा अन्याय यात्रा
वहीं न्याय यात्रा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है. खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये न्याय यात्रा नहीं अन्याय यात्रा है. कांग्रेस पहले खुद के साथ न्याय कर ले फिर ये यात्रा निकाले. इसके अलावा बीजेपी नेताओं का यही कहना है कि कांग्रेस की इस न्याय यात्रा का फायदा भाजपा को पहुंचेगा और वो 11 की 11 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे.
न्याय यात्रा से गरमाया पीएम की जाति का मुद्दा
वहीं रायगढ़ में अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी की जाति का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी जन्म से OBC नहीं हैं. उनके इस बयान के बाद काफी बवाल भी हुआ.. इस बीच पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के एक बयान ने इस मुद्दे को और हवा दे दी.
सिंहदेव ने कहा कि उन्हे भी नहीं मालुम कि पीएम जिस समुदाय से आते हैं वह समुदाय ओबीसी उनके सीएम बनने के पहले था या उनके सीएम बनने के बाद बना है. यह तो पता लगाने का विषय है. बहरहाल देखने वाली बात होगी कि न्याय यात्रा के जरिए कांग्रेस किस तरीके से लोकसभा में कमबैक करती है.
कोरबा से गेंदलाल शुक्ल और जशपुर से जितेंद्र सोनी की रिपोर्ट
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