लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी जहां प्रदेश की 11 सीटों पर अपने चुनावी अभियान में लगी है तो कांग्रेस में प्रत्याशियों को लेकर अब भी माथापच्ची का दौर बना हुआ है. लोकसभा चुनाव को लेकर जहां पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख भी करीब आ गई है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट का इंतजार अभी भी बना हुआ है. छत्तीसगढ़ में सत्ता गंवाने के बाद पहले ही अपनों से जूझ रही कांग्रेस की चुनौती कम नहीं है, बावजूद इसके लोकसभा की बची 4 सीटों को लेकर मंथन का दौर जारी है.
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दीपक बैज की जगह लखमा पर भरोसा
पहले चरण में होने वाले बस्तर सीट को लेकर भी पार्टी ने आखिरकार लंबी अटकलों के बाद कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) को प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) मौजूदा सांसद है. बावजूद पार्टी ने कवासी पर भरोसा जताया है. लंबे इंतजार के बाद कवासी के नाम के ऐलान के साथ ही बस्तर सीट पर मुकाबले की तस्वीर भी साफ हो गई है. अब बस्तर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कवासी का मुकाबला बीजेपी के महेश कश्यप से होगा.
कांग्रेस में 4 सीटों पर अभी भी मंथन
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है. बस्तर की सीट के साथ ही छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में 7 में कांग्रेस ने प्रत्याशी उतार दिए हैं. बस्तर के अलावा कांकेर, बिलासपुर, रायगढ़ और सरगुजा में भी प्रत्याशी के नाम फाइनल होने थे, लेकिन कांग्रेस बस्तर के बाद अब भी 4 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर फैसला नहीं ले पाई है. बता दें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की 8 मार्च को जारी पहली सूची में ही प्रदेश की 6 सीटों पर नाम तय हो गए थे. इसमें राजनांदगांव से पूर्व सीएम भूपेश बघेल, महासमुंद से पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, जांजगीर-चांपा से पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, कोरबा से ज्योत्सना महंत, दुर्ग से राजेंद्र साहू और रायपुर से विकास उपाध्याय के नाम शामिल हैं. वहीं पहली सूची जारी होने के बाद सभी सीटों में एक साथ नाम आने की उम्मीद थी. बावजूद इसके केवल बस्तर सीट पर ही नाम फाइनल हुआ.
बीजेपी का 11 सीटों पर जीत का दावा
इधर बीजेपी प्रदेश की 11 की 11 लोकसभा सीटों पर जीत के दावें करते नजर आ रही है. कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी ने काफी पहले ही प्रदेश की 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर धुआं धार प्रचार- प्रसार अभियान भी शुरू कर रखा है. बीजेपी ने भी मौजूदा सांसदों की टिकट काटने में कोई गुरेज नहीं किया. केवल दुर्ग से विजय बघेल और राजनांदगांव सीट से संतोष पांडेय को ही दोबारा मौका मिल पाया है. वहीं कांग्रेस भी प्रदेश की 11 सीटों पर एड़ी चोटी का जोर मारती नजर रही है. यहीं वजह है कि एक- एक सीट पर मंथन कर टिकट फाइनल की जा रही है अब तक कांग्रेस ने पूर्ववर्ती बघेल सरकार के मुखिया भूपेश बघेल समेत 4 पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारकर बीजेपी के सामने चुनौती बढ़ा दी है. ऐसा माना जा रहा है कि बची हुई कांकेर, सरगुजा, रायगढ़ और बिलासपुर जैसे महत्वपूर्ण सीटों पर भी कई और दिग्गजों पर कांग्रेस दांव खेल सकती है.
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