लोकसभा चुनाव में कका यानी भूपेश बघेल की एंट्री से ना केवल प्रदेश बल्कि देशभर की नजरें राजनांदगांव लोकसभा सीट के चुनाव पर टिक गई है. छत्तीसगढ़ में 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के क्षेत्र राजनांदगांव से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चुनावी मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेल दिया है. राजनांदगांव लोकसभा सीट में पूर्व सीएम बघेल का मुकाबला भले ही बीजेपी के संतोष पांडेय से है लेकिन यहां विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है.
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बीजेपी ने सांसद संतोष पांडेय पर दोबारा भरोसा जताया है, इससे पहले बीजेपी से इस लोकसभा सीट पर प्रत्याशी हमेशा बदलते रहे हैं. संतोष पांडे के पहले पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के बेटे त्अभिषेक सिंह हो या उससे पहले मुधसूदन यादव. बीजेपी को प्रत्याशी बदलने का फायदा हमेशा से मिला. वैसे संतोष पांडेय को संगठन में लंबे समय से काम का तजुर्बा है लेकिन बघेल राजनीति के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. बात करें राजनांदगांव लोक सभा क्षेत्र की, तो यह सीट बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रभाव वाली सीट है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिह इस लोकसभा क्षेत्र से सांसद और केन्द्रीय राज्य उद्योगमंत्री के रुप में प्रतिनिधितत्व कर चुके हैं. उनके बेटे अभिषेक सिंह भी राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे हैं.लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांग्रेस से राजनांदगांव लोकसभा से चुनाव लड़ने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है.
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