लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी बिसात बिछ चुकी है, राजनीतिक दल 11 सीटों पर अपने- अपने जीत के दावें करते दिख रहे है. लेकिन छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों को लेकर बीजेपी ने मेगाप्लान तैयार कर रखा है. बीजेपी की ओर से 11 की 11 सीटे जीतने के लिए हर 1 लोकसभा सीट को लेकर अलग से प्लानिंग है. बीजेपी अपने चुनाव अभियान में बस्तर को विशेष फोकस देती दिख रही है. बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी कोंडागांव में कार्यकर्ता सम्मेलन में उत्साह बढ़ाते नजर आए थे. अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर अभियान की शुरूआत करने जा रहे हैं. चुनावी अभियान के साथ ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बीजेपी की जीत के साथ ही कांग्रेस की गुटबाजी पर भी तंज कंसते हुए साय ने कहा कि कांग्रेस के जहाज में छेद हो गया है. कार्यकर्ताओं की नाराजगी भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के सामने ही दिखने लगी है.
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BJP- कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर
बता दें 2019 में मोदी लहर के बावजूद प्रदेश की बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट पर मिली हार से सबक लेकर इस बार बीजेपी इन सीटों पर खासी मेहनत कर रही है. कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर को लेकर बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में बड़ी रणनीति से किला ध्वस्त करने में कामयाब रही. बस्तर में जीत को तरसती बीजेपी को बस्तर संभाग की 12 में से 8 पर बीजेपी ने जीत हासिल कर कांग्रेस को इस संभाग में कमजोर कर दिया. विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी कांग्रेस ने सांसद दीपक बैज पर प्रदेश अध्यक्ष पद पर भरोसा कायम रखा. वहीं बीजेपी ने भी बस्तर क्षेत्र के ही विधायक किरण देव को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया है. इस स्थिति में बस्तर की इस सीट पर प्रत्याशियों के साथ ही भाजपा-कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की भी प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है.
चुनावी रणनीति के तहत बीजेपी ने दो मार्च को कांग्रेस से पहले प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी थी. इसमें बस्तर सीट पर बीजेपी ने जमीनी कार्यकर्ता महेश कश्यप को प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं कांग्रेस की टिकट अभी भी उलझन में फंसी हुई है. बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के बाद अचानक ही कांग्रेस आलाकमान के सामने कई दावेदार आ चुके है. वैसे तो वर्तमान सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का नाम कतार में सबसे आगे है. वहीं कोंटा विधायक कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी भी दावेदार हैं. इनके समर्थन में बस्तर के कुछ कांग्रेसी विधायक भी दिल्ली पहुंचे थे. 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज ने लोकसभा चुनाव जीतकर 20 वर्ष तक भाजपा का गढ़ बन चुकी, इस सीट पर कांग्रेस की वापसी कराई थीë. उनके सामने इस सीट पर वही जादू दोहराने की चुनौती होगी तो दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के राज्य गठन के बाद से भाजपा के प्रभुत्व वाली इस सीट पर भाजपा की वापसी कराने की चुनौती होगी.
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