Bhupesh Baghel के सामने झलका कांग्रेस कार्यकर्ता का दर्द, भरे मंच से निकाली भड़ास

Bhupesh Baghel के सामने ही राजनांदगांव में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ ने कह दिया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से सबसे ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता ही प्रताड़ित रहे. 5 साल हमारी सरकार रही, इस दौरान एक कार्यकर्ता कह दें कि 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो. मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था.

follow google news

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलेë थमने का नाम नहीं ले रही है. राजनांदगांव में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सामने ही कांग्रेस नेता सुरेंद्र दास वैष्णव का दर्द झलका. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र दाऊ ने कह दिया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से सबसे ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता ही प्रताड़ित रहे. मंच में भूपेश बघेल के सामने ही सुरेंद्र ने कह दिया कि 'मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि 5 साल हमारी सरकार रही, इस दौरान एक कार्यकर्ता यहां उठकर कह दें कि 5 साल में उनका एक भी काम हुआ हो. मुख्यमंत्री से मिलना तक मुश्किल था. हमारे दुख-तकलीफ में कोई साथ नहीं दिया, सिर्फ प्रताड़ित किया गया'. 

सार्वजनिक मंच से अपनी भडास निकालते सुरेंद्र दाउ ने भूपेश बघेल से ही पूछा कि मुझे सिर्फ पंच सरपंच और दरी उठाने का जवाबदारी दोगे क्या? जिला और जनपद के चुनाव आने वाला है यदि इनके लिए दुर्ग भिलाई से कोई होही तो बता देव, हम लोग उनके लिए भी काम करेंगे. बहुत दुखी मन से ये बात कह रहा हूं. ये बात भी डंके की चोट पर कहता हूं कि आर पूरे देश में किसानों को धान का 3100 रुपए का दाम मिल रहा है तो ये भूपेश बघेल जी के कारण ही मिल रहा है. सुरेंद्र दाउ ने ये भी कहा कि मेरी बातें यदि बुरी लगी हो तो मुझे पार्टी से निष्कासित कर दें. कांग्रेस नेता की नाराजगी पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कह दिया कि काग्रेस पार्टी एक ऐसी पार्टी है जहां कहने को छूट मिलती है सब अपनी बात रख सकते है.

बता दें की राजनांदगांव लोकसभा से कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाकर भेजा है. ऐसे में स्थानीय कांग्रेस नेता की सार्वजनिक तौर पर की गई ये खरी- खरी बातें पूरे कांग्रेस संगठन में हलचल मचा दी है. प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट माने जाने वाले राजनांदगांव से ना केवल लोकसभा बल्कि विधानसभा सीट में पार्टी ने डॉ रमन सिंह के सामने गिरीश देवांगन को चुनाव लड़ाया था. इसके पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने करूणा शुक्ला को मैदान में उतारा था. ऐसे में स्थानीय नेताओं की नाराजगी अब सार्वजनिक तौर पर दिखने लगी है. पहले ही कांग्रेस के सामने बीजेपी की चुनौतियों के सामने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की ऐसी नाराजगी का असर कितना पडता है, लोक सभा चुनाव में देखना बाकी है. 

    follow google newsfollow whatsapp