CG Lok Sabha Election: अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक से बढ़कर एक बयान दे रहे हैं. उनके कुछ बयान तो ऐसे है जिसे सुनकर आप अपने आपको हंसने से नहीं रोक पाएंगे. लखमा के ऐसे ही कुछ चुनिंदा बयान हम आपको सुनाने जा रहे है. बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने दिग्गज आदिवासी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा को मैदान में उतारा है. प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही कवासी फूल एक्शन मोड में हैं. कवासी लखमा अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. आदिवासियों को ईवीएम में वोटिंग करने के लिए कवासी ने तो ईवीएम की आवाज ही निकाल दी.
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महेश कश्यप को बता दिया था राजाओं का कैंडिडेट
हालांकि इस दौरान गोंढी भाषा में कहा था कि कवासी लखमा जीतोड़, नरेन्द्र मोदी ढोलतोर.. यानी कवासी लखमा जीतेगा और नरेन्द्र मोदी मरेगा, खेल खत्म, राम-राम.. जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है. इसके पहले ही लखमा ने ग्रामीणों को पुलिस के खिलाफ तीर-धनुष उठाने कह दिया था. कवासी ने इसके पहले कहा था कि मेरा मुकाबला महेश कश्यप से नहीं बल्कि मोदी से है. लखमा ने तो महेश कश्यप को राजाओं का कैंडिडेट बताते हुए कहा था कि महेश को टिकट देने से बस्तर के बीजेपी नेता नाराज हैं.
मुर्गा लड़ाई लड़ने भी पहुंचे लखमा
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कवासी लखमा बस्तर लोकसभा से टिकट मिलते ही कहा था कि मैं तो अपने बेटे के लिए दुल्हन खोजने गया था, लेकिन पार्टी ने तो मुझे ही दुल्हन दे दी. इसके बाद चूड़ी नहीं पहनने, बलि और बकरा को लेकर भी बयान दिया था. बस्तर के आदिवासियों को रिझाने लखमा मुर्गा लड़ाई लड़ते भी दिखाई दिए.
कवासी की प्रतिष्ठा दांव पर
कवासी लखमा बस्तर के कद्दावर आदिवासी नेता के तौर पर जाने जाते है. वे सुकमा के कोंटा विधानसभा से छठवी बार के विधायक हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में लखमा आबकारी और उद्योग मंत्री रह चुके है. लखमा के मैदान पर उतरने से बस्तर का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. कवासी अपने बयान से बस्तर के लोगों को साधने में लगे है लेकिन सवाल ये है कि तमाम दांव-पेच के बाद भी लखमा कांग्रेस की इस सीट को बचा पाने में सफल हो पाएंगे.
ब्यूरो रिपोर्ट, छत्तीसगढ़ तक
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