Chhattisgarh Vidhan Sabha Session- विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में वाकआउट किया और राज्य सरकार पर लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और राज्य में बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों के खिलाफ निवारक उपाय करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया.
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सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मोतीलाल साहू ने राज्य में मलेरिया और डायरिया से लोगों की मौत का मुद्दा उठाया और सरकार से जवाब मांगा. कांग्रेस सदस्यों ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में जल जनित और वेक्टर जनित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं.
मंत्री ने दिया ये जवाब
अपने जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि यह कहना गलत है कि राज्य में मानसून आते ही स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि सरकार डायरिया और मलेरिया की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशीलता से काम कर रही है. मलेरिया और डायरिया की रोकथाम के लिए 27 फरवरी और 7 जून को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे तथा अंतर-विभागीय समन्वय कर कार्ययोजना तैयार की गई है.
उन्होंने कहा कि कुल 1,015 रैपिड रिस्पांस टीमें गठित की गई हैं तथा बरसात के मौसम में 1371 पहुंचविहीन गांवों और 1,183 महामारी संभावित गांवों की पहचान की गई है. दवाओं का पूरा स्टॉक रखा गया है. आरोपों पर पलटवार करते हुए मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि पिछले एक सप्ताह में बिलासपुर, बीजापुर, दुर्ग, कवर्धा, जांजगीर-चांपा जिलों सहित पूरे प्रदेश में हजारों लोग मलेरिया और डायरिया से पीड़ित पाए गए हैं और उन्हें पर्याप्त उपचार नहीं मिल रहा है.
मंत्री ने इन जिलों में किए गए परीक्षणों की संख्या और मलेरिया और डायरिया से पीड़ित रोगियों की पहचान और बीमारियों की रोकथाम के लिए किए गए उपायों के बारे में भी बताया. मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप, वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) 2019 में प्रति हजार जनसंख्या पर 7.29 से घटकर 3.98 प्रति हजार हो गया है. उन्होंने कहा कि यह तेजी से बुखार सर्वेक्षण, सामूहिक सर्वेक्षण, प्रचार, स्रोत नियंत्रण, पूर्ण उपचार और दीर्घकालिक मच्छर रोधी कीटनाशक, लेपित मच्छरदानी के उपयोग के माध्यम से प्राप्त किया गया है.
मौतों को क्यों छुपाने की कोशिश कर रही है सरकार- बघेल
भूपेश बघेल ने पूछा कि सरकार मलेरिया और डायरिया से होने वाली मौतों को क्यों छुपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भी राज्य में मलेरिया और डायरिया के मामलों में वृद्धि का स्वतः संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.
बघेल ने मलेरिया पर अंकुश लगाने के लिए किए गए परीक्षणों और बीमारी के कारण हुई मौतों की संख्या भी जानना चाहा.
मंत्री के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट, किया वॉकआउट
मंत्री ने कहा कि मलेरिया की जांच के लिए 35.71 लाख परीक्षण किए गए और 12,242 व्यक्ति इस बीमारी से संक्रमित पाए गए. उन्होंने कहा कि बीमारी के कारण पंद्रह मौतें हुई हैं. कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने में विफल रहने का आरोप लगाया और बाद में मंत्री के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए सदन से बहिर्गमन किया.
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